राजस्थान के कॉलेज में 4700 पदों पर वैकेंसी: जानिए CM भजनलाल ने किए और क्या फैसले

जयपुर में रविवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई राजस्थान कैबिनेट बैठक में कई अहम नीतिगत निर्णय लिए गए। बैठक के बाद मंत्री परिषद की भी बैठक बुलाई गई, जिसमें प्रदेश से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, मंत्री जोगाराम पटेल और सुमित गोदारा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर फैसलों की जानकारी साझा की।

उच्च शिक्षा विभाग में बड़ी भर्ती पर चर्चा

 बैठक का सबसे बड़ा फैसला उच्च शिक्षा विभाग से जुड़ा रहा। जानकारी के अनुसार, प्रदेश के 374 महाविद्यालयों में लगभग 4700 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने पर सहमति बनी। लंबे समय से कॉलेजों में रिक्त चल रहे पदों को भरने से छात्रों और शिक्षकों दोनों को राहत मिलने की उम्मीद है।

सेवा नियमों और नीतियों में संशोधन

 बैठक में राजस्थान सेवा नियमों में संशोधन को मंजूरी दी गई, जिससे सरकारी कर्मचारियों को पदोन्नति के अवसर और अधिक सहज होंगे। साथ ही सीवरेज एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन नीति 2016 में परिवर्तन कर जल के पुन: उपयोग पर जोर दिया गया। नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत नियमों में संशोधन कर कार्यों को और प्रभावी बनाने का भी निर्णय लिया गया।

सौर ऊर्जा और स्ट्रीट लाइट योजना 

राज्य सरकार ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई नए प्रस्तावों को मंजूरी दी। ऊर्जा विभाग के अनुसार, अगले दीपावली तक प्रदेशभर में दो लाख नई स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी। इसके लिए 160 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च का प्रावधान किया गया है। इस योजना से न केवल ऊर्जा बचत होगी बल्कि शहरों और कस्बों की सुरक्षा भी मजबूत होगी।

धर्म परिवर्तन बिल दोबारा सदन में

  •  धर्म परिवर्तन रोकने के लिए प्रस्तावित बिल पर भी चर्चा हुई। सरकार इसमें संशोधन कर इसे दोबारा विधानसभा में पेश करेगी। बिल के अनुसार, बलपूर्वक, धोखे या प्रलोभन देकर कराए गए धर्म परिवर्तन को गंभीर अपराध माना जाएगा। इसके लिए न्यूनतम 7 वर्ष से लेकर अधिकतम 14 वर्ष तक की सजा और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना तय किया गया है। यदि नाबालिग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति या दिव्यांग महिला के मामले में ऐसा अपराध होता है तो सजा 10 से 20 वर्ष तक बढ़ाई जाएगी। वहीं, सामूहिक धर्म परिवर्तन पर आजीवन कारावास और 25 लाख रुपये तक का दंड प्रस्तावित है।
  • कैबिनेट बैठक में लिए गए इन निर्णयों से प्रदेश में शिक्षा, ऊर्जा और प्रशासनिक ढांचे को नई दिशा मिलेगी। साथ ही धर्म परिवर्तन बिल पर सरकार का कड़ा रुख आने वाले विधानसभा सत्र में राजनीतिक बहस का बड़ा विषय बन सकता है।

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