राजस्थान की इस IIT में अब हिंदी में भी होगी B.Tech, जानें कैसे किया जा सकेगा भाषा का चुनाव

जोधपुर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी जोधपुर ने नई शिक्षा नीति आने के बाद निदेशक अविनाश कुमार अग्रवाल ने पहल करते हुए अब हिंदी माध्यम में पाठ्यक्रम की शुरुआत की है. ऐसे में हिंदी माध्यम में शिक्षा देने वाला आईआईटी जोधपुर देश का पहला आईआईटी बन गया है. आईआईटी जोधपुर ने बीटेक प्रथम वर्ष में द्विभाषीय अंग्रेजी और क्षेत्र की मूल भारतीय भाषा हिंदी दोनों में प्रौद्योगिकी स्नातक (बी.टेक. प्रथम वर्ष से शुरू) पाठ्यक्रम शिक्षण को लागू किया है. आईआईटी जोधपुर ने नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप भारतीय भाषाओं में व्यवसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने की ओर एक कदम बढ़ाते हुए अंग्रेजी भाषा में कम दक्षता रखने वाले विद्यार्थियों के सामने आईआईटी में शिक्षा अर्जित करने को लेकर चुनौतियों को कम करने का प्रयास किया है. हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों को अब आईआईटी में हिंदी भाषा में पाठ्यक्रम चुनने का एक विकल्प मिल पाएगा. 12वीं के बाद में विद्यार्थियों को बीटेक प्रथम वर्ष में एक विकल्प मिलेगा जिसमें वे बीटेक प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम में हिंदी और अंग्रेजी माध्यम चुन पाएंगे. प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम में हिंदी माध्यम चुनने वाले विद्यार्थी की अंग्रेजी भाषा सीखने के लिए अलग से कक्षाएं भी लगाई जाएगी

क्या बोले निदेशक डॉ. अविनाश कुमार अग्रवाल?
निदेशक डॉ. अविनाश कुमार अग्रवाल ने बताया कि IIT में प्रवेश लेने वाले अधिकांश छात्र हिंदी माध्यम से पढ़ाई कर चुके होते हैं. अंग्रेज़ी आधारित शिक्षा प्रणाली में प्रवेश के बाद उन्हें पढ़ाई समझने, नोट्स बनाने, और प्रयोगशाला कार्य करने में कठिनाई होती है. इसका परिणाम यह होता है कि उनका आत्मविश्वास घट जाता है और कई बार वे पीछे रह जाते हैं. इसे देखते हुए जोधपुर IIT ने एक ऐसा शैक्षणिक मॉडल विकसित किया, जिसमें छात्रों को उनकी समझ की भाषा में पढ़ाई उपलब्ध कराई जा रही है

हिंदी और अग्रेजी दोनों भाषाओं में से लेक्चर चुनने का मिलेगा विकल्प
इस नवाचार को लागू करने के लिए, प्रथम वर्ष के छात्रों को पाठ्यक्रम की कक्षाएं शुरू होने से पहले हिंदी और अंग्रेजी लेक्चर में से किसी एक को चुनने का विकल्प दिया जाएगा. इन प्राथमिकताओं के आधार पर प्रत्येक कक्षा के दो Section बनाये जाएंगे जिसमें एक ही सब्जेक्ट एक्सपर्ट दोनों Sections को पढ़ाएगा. छात्रों के पास सत्र के दौरान सेक्शन के बीच अदला-बदली (हिंदी अथवा अंग्रेजी माध्यम) करने का विकल्प भी होगा. दोनों माध्यमों के लिए छात्रों का समान स्तर पर मूल्यांकन किया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि आईआईटी जोधपुर द्वारा शिक्षण प्रक्रियाओं में समानता बनी रहे

मूल उद्देश्य आईआईटी जोधपुर में समावेशी शिक्षा बढ़ावा देना
आईटी जोधपुर द्वारा उठाया गया यह कदम ना सिर्फ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है इसके साथ ही इस तरह का कदम उठाने वाली आईआईटी जोधपुर देश में पहले आईआईटी है. इसका मूल उद्देश्य समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देना है. ताकि अन्य संस्थाओं के लिए एक मिसाल कायम की जा सके जो समाज की सभी वर्गों और उच्च गुणवत्ता वाली तकनीकी शिक्षा तक पहुंच के लिए मूल भाषाओं में शिक्षा को बढ़ावा दिया जा सके

शिक्षा मंत्रालय ने कि आईआईटी जोधपुर के कदम की सराहना
इस कदम के लिए शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार ने शैक्षणिक वर्ष से हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में बीटेक प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम करने के लिए आईआईटी जोधपुर के इस कदम की सरहन की है मंत्रालय ने इसे भा.प्रौ.सं. जोधपुर में अधिक समावेशी और सहायक शैक्षिक वातावरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया

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