यूपी में योगी सरकार बनाएगी खास पार्क, खर्च होंगे 1,680 करोड़ रुपये, इंडस्ट्रियल यूनिट्स होंगी स्थापित

सरकार के प्रस्ताव के अनुसार, इस पूरे प्रोजेक्ट पर 1,680 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है. यह पार्क कुल 100 एकड़ क्षेत्र में बनाया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार एक नए औद्योगिक युग की दिशा में कदम बढ़ा रही है. राज्य में प्रस्तावित पीएम मित्र (पीएम मित्र) पार्क न केवल उद्योगों के लिए वरदान साबित होगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी एक आदर्श उदाहरण बनेगा. सरकार की नीति “विकास के साथ पर्यावरण” को साकार करने की दिशा में यह पार्क एक मील का पत्थर साबित होने जा रहा है. योगी सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी औद्योगिक विकास परियोजना में हरियाली और पारिस्थितिक संतुलन से कोई समझौता नहीं होगा. यही कारण है कि लखनऊ और हरदोई जिलों में प्रस्तावित पीएम मित्र पार्क का लेआउट प्लान पर्यावरणीय दृष्टि से पूरी तरह संतुलित रखा गया है.

11 फीसदी भूमि होगी ग्रीनरी को समर्पित

ड्राफ्ट लेआउट प्लान के अनुसार, 55 फीसदी भूमि पर इंडस्ट्रियल यूनिट्स स्थापित की जाएंगी. वहीं, 3 फीसदी भूमि को रेसीडेंशियल उपयोग, 4 फीसदी इंस्टीट्यूशनल, 2 फीसदी ट्रांसपोर्ट हब, और 4 फीसदी यूटिलिटीज व एमेनिटीज के लिए आरक्षित किया गया है. सबसे खास बात यह है कि पूरे पार्क की 11 फीसदी भूमि ग्रीनरी और फ्रूट प्लांटेशन के लिए सुरक्षित रखी गई है, जिसमें ग्रीन एरिया, ग्रीन बेल्ट और बफर जोन विकसित किए जाएंगे. यह कदम न केवल प्रदूषण कम करेगा बल्कि स्थानीय जैव विविधता को भी संरक्षित रखेगा. इसके अलावा, 13 फीसदी क्षेत्र में नई सड़कों का निर्माण किया जाएगा, जबकि 0.1 फीसदी हिस्से में मौजूदा सड़कों को सुदृढ़ किया जाएगा. जल संरक्षण को ध्यान में रखते हुए 2 फीसदी भूमि नाला और वाटर रिजर्वायर के लिए और 0.5 फीसदी भूमि रीक्रिएशनल उपयोग के लिए निर्धारित की गई है.

प्रोजेक्ट पर खर्च होंगे 1680 करोड़ रुपए

सरकार के प्रस्ताव के अनुसार, इस पूरे प्रोजेक्ट पर 1,680 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है. यह पार्क कुल 100 एकड़ क्षेत्र में बनाया जाएगा, जिसमें एक लाख से अधिक रोजगार सृजन और 10 हजार करोड़ रुपए के निवेश की संभावना है. पार्क में पर्यावरण के अनुकूल निर्माण सामग्री, ऊर्जा-संवेदनशील डिजाइन, वर्षा जल संचयन, सोलर पावर और ई-वेस्ट मैनेजमेंट जैसे प्रावधान भी शामिल किए जाएंगे. इस पहल के माध्यम से उत्तर प्रदेश न सिर्फ“भारत का ग्रोथ इंजन” बनेगा, बल्कि“ग्रीन स्टेट मॉडल” के रूप में भी विकसित होगा.

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