
UP में बीजेपी के एक सहयोगी ने अपने दावे से सियासी हलचल बढ़ा दी है. वह न सिर्फ योगी सरकार को अक्सर चेता रहे हैं वहीं सीटों को लेकर भी अपनी दावेदारी अभी से पेश कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए अभी करीब 2 साल का वक्त है. इससे पहले सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियां में जुट गए हैं. भारतीय जनता पार्टी ने जहां अपने विधायकों के पांच साल का ऑडिट कराना शुरू कर दिया है तो वहीं समाजवादी पार्टी भी जमीन पर अपने नेताओं को तैयार कर रही है. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भी कई सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा किया है और बहुजन समाज पार्टी में भी आकाश आनंद की वापसी के बाद कई अहम सियासी संकेत मिल रहे हैं.
राज्य में इन प्रमुख राजनीतिक दलों के अलावा उनके सहयोगी भी अपनी रणनीति तैयार करने में जुटे हुए हैं. इसी क्रम में निषाद पार्टी के नेता और योगी सरकार में काबीना मंत्री संजय निषाद के एक बयान की बड़ी चर्चा हो रही है. बीते साल से ही संविधान यात्रा निकाल रहे संजय निषाद सहारनपुर से सोनभद्र तक की यात्रा लगे हुए हैं.
बीजेपी को कई बार दे चुके हैं सलाह
अपनी यात्रा के दौरान वह कई बार भारतीय जनता पार्टी को यह सलाह दे चुके हैं कि वह दूसरे दलों से आए विभिषणों से दूर रहे. इतना ही नहीं संजय निषाद ने इशारों में यह भी बता दिया है कि वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी कितनी सीटों पर लड़ने के लिए इच्छुक है.
क्या चाहते हैं संजय निषाद?
हालांकि यह पूछे जाने पर कि क्या बीजेपी से सीटों की वार्ता चल रही है, निषाद अक्सर यह कहते रहे हैं कि हमारी बातचीत जारी है. गौरतलब है कि राज्य की 403 विधानसभा सीटों में से निषाद पार्टी के पांच विधायक हैं. संजय निषाद यह दावा अक्सर करते रहे हैं कि राज्य की 200 सीटें निषाद बाहुल्य हैं. कैबिनेट मंत्री यह बात कई मौकों पर दोहरा चुके हैं कि उनकी पार्टी के नेता अपने सिंबल पर चुनाव लड़ना चाहते हैं.
वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भी संजय निषाद ने यही बात बीजेपी के राज्य और शीर्ष नेतृत्व के समक्ष रखी थी, हालांकि तब उन्हें मायूसी का सामना करना पड़ा था. जानकारों का मानना है कि 200 सीटों पर दावा कर के संजय निषाद , बीजेपी पर सियासी दबाव बनाने की जुगत में हैं ताकि उन्हें ज्यादा से ज्यादा सीटें लड़ने का मौका मिले. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी समझौता करेगी या संजय निषाद को मनाएगी?