
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज, ओरांव दारोगा खेड़ा (बंथरा) में आयोजित तीन दिवसीय इंटरनेशनल साइबर समिट का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने प्रदेश को तकनीकी दृष्टि से सशक्त बनाने के लिए कई नई सौगातें दीं. मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी 75 जिलों और पुलिस कमिश्नरेट्स के लिए मोबाइल फॉरेंसिक वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और कहा कि अब अपराधियों को पकड़ने में सालों नहीं लगेंगे, बल्कि 24 से 48 घंटे में अपराधी सलाखों के पीछे होंगे
2017 से पहले अपराधियों को पकड़ने में लगते थे सालों- सीएम योगी
सीएम योगी ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले प्रदेश में केवल चार फॉरेंसिक लैब थीं. नमूनों के देर से पहुंचने पर वे खराब हो जाते थे और अपराधियों को सजा नहीं मिल पाती थी. लेकिन अब हर रेंज में आधुनिक फॉरेंसिक लैब बनाई जा चुकी हैं और 12 नई लैब भी शुरू हो चुकी हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में साइबर थाने स्थापित हो चुके हैं और हर थाने में साइबर डेस्क भी सक्रिय है. जल्द ही साइबर मुख्यालय की स्थापना की जाएगी
सीएम ने किया भारतीय परंपरा का उल्लेख
समिट के उद्घाटन अवसर पर मुख्यमंत्री ने भारतीय परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा, “जब भी भारत में मंथन हुआ है, उसमें से अमृत ही निकला है. ज्ञान के द्वार हमेशा खुले रखने चाहिए, क्योंकि बंद दरवाजे विकास की राह में बाधा बनते हैं.” उन्होंने कहा कि तकनीक के बिना बड़े आयोजनों की सफलता असंभव है. इसका उदाहरण प्रयागराज कुंभ है, जहां तकनीक के सहारे रिकॉर्ड स्तर पर आयोजन सफलतापूर्वक हुआ
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पद्मश्री डॉ. लालजी सिंह एडवांस्ड डीएनए डायग्नोस्टिक सेंटर, एआई, ड्रोन और रोबोटिक्स लैब तथा अटल पुस्तकालय का भी उद्घाटन किया. इसके अलावा छात्र-छात्राओं को स्मार्ट टैबलेट वितरित किए और साइबर अपराधों से निपटने के लिए मोबाइल फॉरेंसिक वैन का फ्लैग ऑफ किया
सीएम ने स्पष्ट चेतावनी दी—“उत्तर प्रदेश में अपराध करने वाला चाहे कितना भी चतुर क्यों न हो, वह पुलिस और फॉरेंसिक तकनीक के जाल से बच नहीं पाएगा”