यूपी बनेगा रक्षा निर्माण का हब, डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से युवाओं को भी मिलेगा रोजगार

उत्तर प्रदेश के झांसी में अब तक 16 कंपनियों को 531 हेक्टेयर जमीन दी जा चुकी है. यहां पर विस्फोटक, गोला-बारूद और हथियारों के मोबाइल प्लेटफॉर्म बनाए जाएंगे. उत्तर प्रदेश में रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने और युवाओं को रोजगार देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में शुरू हुआ डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर अब तेजी से साकार होता नजर आ रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ के विजन को आगे बढ़ाते हुए यूपी में यह कॉरिडोर न सिर्फ सेना की जरूरतें पूरी करेगा, बल्कि लाखों युवाओं के लिए रोजगार का रास्ता भी खोलेगा.

अब तक इस परियोजना के तहत प्रदेश सरकार ने 170 से ज्यादा कंपनियों के साथ करीब 30,000 करोड़ रुपये के समझौते (एमओयू) किए हैं. इससे करीब 50 हजार लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है. इसके अलावा अब तक 57 कंपनियों को जमीन आवंटित की जा चुकी है और कई इकाइयों पर काम शुरू भी हो चुका है.

क्या है डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर?

यह कॉरिडोर केंद्र सरकार द्वारा 2018 में घोषित किया गया था. उत्तर प्रदेश इसका एक प्रमुख हिस्सा है. इसका उद्देश्य देश में ही रक्षा उत्पाद बनाकर विदेशी निर्भरता को खत्म करना और स्थानीय स्तर पर औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना है. यूपी में यह कॉरिडोर छह नोड्स – लखनऊ, झांसी, कानपुर, अलीगढ़, चित्रकूट और आगरा में विकसित किया जा रहा है.

हर नोड बनेगा रक्षा निर्माण का विशेष केंद्र

झांसी में अब तक 16 कंपनियों को 531 हेक्टेयर जमीन दी जा चुकी है. यहां पर विस्फोटक, गोला-बारूद और हथियारों के मोबाइल प्लेटफॉर्म बनाए जाएंगे. इससे 2928 लोगों को नौकरी मिलेगी. कानपुर में 5 कंपनियों को 210 हेक्टेयर जमीन दी गई है. यहां छोटे हथियार, बुलेटप्रूफ जैकेट और विशेष कपड़े बनाए जाएंगे. 2200 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है.

अलीगढ़ नोड में 24 कंपनियों को जगह मिली है. यह नोड ड्रोन, काउंटर ड्रोन सिस्टम और रडार निर्माण का हब बन रहा है. यहां 5618 लोगों को रोजगार मिलेगा. लखनऊ में 12 कंपनियों को जमीन दी गई है, जिनमें ब्रह्मोस एयरोस्पेस जैसी बड़ी कंपनी भी शामिल है. यहां ब्रह्मोस मिसाइल, गोला-बारूद और ड्रोन का निर्माण होगा. 2930 नौकरियां प्रस्तावित हैं.

सरकार जल्द ही आगरा और चित्रकूट में भी भूमि आवंटन की प्रक्रिया को तेज कर रही है. मुख्यमंत्री योगी का मानना है कि डिफेंस कॉरिडोर केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश को रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाएगा. यह परियोजना भविष्य में उत्तर प्रदेश को देश का रक्षा निर्माण केंद्र बना सकती है. साथ ही युवाओं को तकनीकी और औद्योगिक क्षेत्र में नया अवसर भी देगी. रोजगार और निवेश की ये बयार अब गांवों से लेकर शहरों तक बदलाव की कहानी लिख रही है.

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