यूनेस्को में अभी शामिल नहीं होगी गेर, सीएम मोहन यादव आएंगे

इंदौर में रंगपंचमी पर होने वाली प्रसिद्ध पारंपरिक गेर की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। लगभग 3 किलोमीटर लंबी यह गेर, जिसमें मुख्यमंत्री मोहन यादव और लाखों लोग शामिल होंगे, हर साल इंदौर की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बन चुकी है। 

देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में रंगपंचमी पर होने वाली विश्वप्रसिद्ध पारंपरिक गेर बुधवार को निकलेगी। यह गेर लगभग 3 किलोमीटर लंबी होगी, जिसमें मुख्यमंत्री मोहन यादव, एनआरआई सहित लाखों लोग शामिल होंगे। गेर के दौरान लाखों लीटर पानी और हजारों किलो गुलाल-रंग लोगों पर उड़ाए जाएंगे। नाच-गाने के लिए डीजे भी मौजूद रहेंगे। इस बार तीन गेर और एक फाग यात्रा निकाली जाएगी। इसमें राधा-कृष्ण फाग यात्रा, मॉरल क्लब गेर, संगम कॉर्नर गेर, टोरी कॉर्नर गेर होगी। 370 लोगों ने गेर देखने के लिए छतों पर बुकिंग करवाई है। 

राष्ट्रीय धरोहर के रूप में ही चिन्हित नहीं हुई 
राजवाड़ा को ढक दिया गया है ताकि रंगों के कारण वह खराब न हो जाए। आयोजकों से लेकर प्रशासन तक, सभी ने गेर की तैयारियों को पूरी तरह से शुरू कर दिया है। पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए एरिया को सेक्टरों में बांट दिया है। इंदौर की गेर को यूनेस्को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन में शामिल नहीं किया जाएगा। यूनेस्को हर साल एक आयोजन को धरोहर के रूप में शामिल करता है। इंदौर की गेर को इसमें शामिल करने के प्रयास पिछले कई सालों से किए जा रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार का कहना है कि इंदौर में 75 सालों से निकल रही गेर अभी तक राष्ट्रीय धरोहर के रूप में चिन्हित नहीं हुई है, ऐसे में यूनेस्को में शामिल होना तो बहुत दूर की बात है। इंदौर की गेर में हर साल लगभग 7 लाख लोग देशभर से आते हैं। इसका लाइव प्रसारण भी कई जगहों पर देखा जाता है, और अब तक इसके पूरे खर्च का बोझ गेर के आयोजक ही उठाते हैं। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय में अपर सचिव मोनिका राय ने जानकारी दी कि इंदौर की गेर का कोई प्रस्ताव संस्कृति मंत्रालय के पास आया है या नहीं, इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। हालांकि, जिला प्रशासन और सांसद शंकर लालवानी का दावा है कि हम हर साल इस संबंध में प्रस्ताव भेजते हैं। मोनिका राय ने कहा कि अभी इंदौर की गेर राष्ट्रीय धरोहर (नेशनल इन्वेंट्री) में शामिल नहीं हुई है। पहले इसे राष्ट्रीय धरोहर में शामिल किया जाए, फिर इसे यूनेस्को भेजा जाएगा। वहीं संगीत नाटक अकादमी के सचिव राजू दास ने बताया कि अभी इंदौर की प्रसिद्ध गेर को राष्ट्रीय धरोहर में शामिल करने की प्रक्रिया चल रही है। केंद्र सरकार की कमेटी के पास इस प्रस्ताव को भेजा गया है, और जल्द ही कमेटी इसकी मीटिंग करेगी। इस प्रक्रिया के बाद इसे यूनेस्को में शामिल करने के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा।

मुख्यमंत्री और एनआरआई भी होंगे शामिल
महापौर पुष्यमित्र भार्गव और नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा ने बताया कि गेर में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी शामिल होंगे। सभी व्यवस्थाओं को पूरी तरह से सुसंगत किया गया है। महापौर ने बताया कि पिछले दो सालों से नगर निगम भी आधिकारिक रूप से इस गेर में शामिल हो रहा है। इस बार नगर निगम की गेर रहेगी और एनआरआई का रथ भी होगा।

500 से ज्यादा सफाई मित्र तैनात रहेंगे
गेर के बाद सफाई व्यवस्था के लिए भी पूरी तैयारी की गई है। 500 से ज्यादा कर्मचारी और संसाधन एक साथ काम करेंगे और रिकॉर्ड समय में गेर मार्ग को साफ करेंगे। इस बार के भी फोटो-वीडियो यूनेस्को को भेजे जाएंगे। भारत सरकार से भी निवेदन किया गया है कि वे यूनेस्को को पत्र भेजे और उनकी विजिट कराए। इंदौर की विशिष्ट पहचान राजवाड़ा को ढकने का काम पूरा कर लिया गया है। इसके ऊपर बड़ा पीला प्लास्टिक लगा दिया गया है ताकि रंगों से इसे कोई नुकसान न पहुंचे। इसके साथ ही गोराकुंड और सराफा क्षेत्र की बिल्डिंगों को भी बड़े प्लास्टिक से ढक दिया गया है। कई लोग अपने घरों को रंग-गुलाल से बचाने के लिए प्लास्टिक से कवर कर रहे हैं।

आकस्मिक व्यवस्थाएं भी की
पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने बताया कि गेर के पूरे रूट में 100 से 200 मीटर के सेक्टर बनाए जा रहे हैं ताकि सुरक्षा व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। साथ ही आकस्मिक व्यवस्थाएं भी की जा रही हैं। इमरजेंसी एग्जिट रूट भी बनाए जा रहे हैं। हाइराइज की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा रही है।

लग गए सीसीटीवी
कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि गेर के लिए सभी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। गेर मार्ग पर आइडेंटिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। मंच लगाने, वॉच टावर बनाने और सीसीटीवी कैमरे लगाने की जगह भी निर्धारित की जा चुकी है। गलियों में बीच-बीच में एग्जिट रूट बनाए गए हैं, जहां एम्बुलेंस भी उपलब्ध रहेगी, ताकि कोई घटना होने पर तुरंत सहायता मिल सके। कैबिनेट के आने की सूचना नहीं है, लेकिन प्रशासन पूरी तरह से तैयार है।

रंगों से सराबोर होगी पूरी यात्रा
राधा-कृष्ण फाग यात्रा: करीब 10 हजार किलो गुलाल, 8 हजार लीटर पानी का उपयोग किया जाएगा।
मॉरल क्लब गेर: 30 हजार लीटर पानी का टैंकर, ट्रैक्टर-ट्रालियों में कुल 50 हजार लीटर पानी, 7 हजार किलो गुलाल, 10 किलो पक्का रंग उपयोग किया जाएगा।
संगम कॉर्नर गेर: 1 लाख 20 हजार लीटर पानी, 8 हजार किलो गुलाल, 20 किलो रंग, 2 हजार किलो फूल का उपयोग किया जाएगा।
टोरी कॉर्नर गेर: 300 बोरी गुलाल, 60 हजार लीटर पानी का उपयोग किया जाएगा।

इस तरह रहेगा रास्ता
बुधवार सुबह टोरी कॉर्नर चौराहे से गेर की शुरुआत होगी। फिर यह गौराकुंड चौराहा, खजूरी बाजार, राजवाड़ा पहुंचेगी। इसके बाद राजवाड़ा से घूमकर सराफा, सीतलामाता बाजार होते हुए अपने-अपने गंतव्य तक जाएगी। संगम कॉर्नर की गेर मल्हारगंज से शुरू होकर टोरी कॉर्नर चौराहे से आगे बढ़ेगी। राधा-कृष्ण फाग यात्रा की शुरुआत नृसिंह बाजार स्थित बद्रीनारायण मंदिर से होगी। यहां से यह सीतलामाता बाजार, गोराकुंड, खजूरी बाजार, राजवाड़ा, पीपली बाजार, सराफा होते हुए फिर मंदिर पर समाप्त होगी। मॉरल क्लब गेर छीपाबाखल से गोराकुंड, खजूरी बाजार, राजवाड़ा, गोपाल मंदिर, सर्राफा और कपड़ा मार्केट होते हुए छीपाबाखल पर समाप्त होगी।

बैलगाड़ी से हुई थी गेर की शुरुआत, अब एनआरआई भी आने लगे
75 साल पहले गेर निकलना शुरू हुई थी। पहले यह बैलगाड़ी से निकलती थी लेकिन अब मिसाइल, टैंकर, डीजे सहित आधुनिक साधनों तक पहुंच चुकी है। इस गेर की पहचान पूरे देश में बन चुकी है। गेर आयोजक शेखर गिरी ने बताया कि 48 और 50 के दशक में बाबूलाल गिरी और छोटे लाल गिरी ने गेर निकाली थी। अब हमारी दूसरी पीढ़ी गेर का संचालन कर रही है। हमारे बाद भी हमारे भाई और भतीजे भविष्य में गेर का आयोजन करेंगे। गेर में अब ट्रैक्टर-ट्रॉली, डीजे, पानी के टैंकर और अन्य गाड़ियां शामिल हो चुकी हैं। रंगपंचमी की गेर देखने के लिए लोग छतों पर बुकिंग कराने लगे हैं। पहले के मुकाबले अब लाखों की संख्या में लोग इस गेर में शामिल होने आते हैं। नगर निगम पिछले दो साल से आधिकारिक रूप से इसमें शामिल हो रहा है, और अब एनआरआई भी इसमें शामिल होने के लिए आने लगे हैं।

कलेक्टर ने अधिकारियों को सौंपी अलग-अलग जिम्मेदारी
कलेक्टर आशीष सिंह ने पूरे गेर मार्ग को नौ सेक्टरों में विभाजित कर अपर कलेक्टर स्तर के अधिकारियों को प्रभारी अधिकारी बनाया है। सेक्टरों की जवाबदारी एसडीएम/कार्यपालिक दण्डाधिकारियों को सौंपी गई है। अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी रोशन राय सम्पूर्ण कानून व्यवस्था के समन्वयक रहेंगे। अपर कलेक्टर गौरव बेनल सेक्टर क्रमांक-1, 2 एवं 3 के प्रभारी रहेंगे। इसी तरह अपर कलेक्टर ज्योति शर्मा सेक्टर क्रमांक- 4, 5 व 6 तथा अपर कलेक्टर राजेन्द्र सिंह रघुवंशी सेक्टर क्रमांक- 7, 8 व 9 के प्रभारी बनाए गए हैं। इनके अधीनस्थ सेक्टरों की जवाबदारी एसडीएम/कार्यपालिक दण्डाधिकारियों को सौंपी गई है। इसके अलावा शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने एवं अन्य व्यवस्थाओं के लिए प्रत्येक गेर के साथ भी कार्यपालिक दण्डाधिकारियों को तैनात किया गया है। उक्त अधिकारी अपने-अपने सेक्टर में कानून व्यवस्था की स्थिति के लिए पुलिस अधिकारियों से आवश्यक समन्वय एवं संवाद बनाए रखेंगे। संबंधित विभागों नगर निगम, स्वास्थ्य एवं लोक निर्माण विभाग से समन्वय स्थापित करवाएंगे। अपने अधीनस्थ तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक द्वारा संबंधित थाना क्षेत्र में उक्त कार्य संपादित करवाएंगे। समस्त अधिकारी अपने रूट से निकलने वाली गेरो को यथा समय आगे बढ़ाते रहेंगे तथा कानून एवं व्यवस्था बनाए रखेंगे। गेरो के साथ संलग्न अधिकारी उन गेरो के प्रभारी रहेंगे तथा पूरे समय साथ रहकर संबंधित गेर को समय से आगे बढ़ाते रहेंगे तथा रूट में आने वाले संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष निगरानी रखेंगे।

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