
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पहली बार बताया कि उन्होंने अरविंद केजरीवाल द्वारा बनाए गए ‘शीश महल’ में शिफ्ट नहीं होने का फैसला क्यों किया। एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में यह भी बताया कि राज निवास मार्ग पर एक बंगले में जाने का विकल्प क्यों चुना।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पहली बार बताया कि उन्होंने अरविंद केजरीवाल द्वारा बनाए गए ‘शीश महल’ में शिफ्ट नहीं होने का फैसला क्यों किया। एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में यह भी बताया कि राज निवास मार्ग पर एक बंगले में जाने का विकल्प क्यों चुना। रेखा गुप्ता इस साल नवरात्रि के दौरान अपने नए बंगले में शिफ्ट हो सकती हैं।
एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से पूछा गया कि वह ‘शीश महल’ में शिफ्ट क्यों नहीं हुईं। इसमे क्या बुराई है। इस पर सीएम गुप्ता ने जवाब दिया कि वहां उन्हें नींद नहीं आती। उन्होंने कहा, ”मैं देख रही हूं कि दिल्ली के लोग कैसे परेशान थे और केजरीवाल साहब वहां रहकर मौज कर रहे थे। वो पर्दे भी नहीं खोलते थे। जनता की आवाज उनके कानों तक नहीं पहुंचती थी। वो अपने घर की चारदीवारी में रहते थे। आज भी उनकी पार्टी के विधायक आकर कहते हैं कि उन्होंने सचिवालय कभी नहीं देखा। आज वो सचिवालय हजारों लोगों के लिए खोल दिया गया है।”
सीएम रेखा गुप्ता इस साल नवरात्रि के दौरान अपने नए बंगले में शिफ्ट हो सकती हैं। वहां नवीनीकरण का काम चल रहा है। शुक्रवार को बंगले में विशेष हवन और पूजा की गई। उन्हें 28 जून को पीडब्ल्यूडी द्वारा जारी टेंडर नोटिस का हवाला दिया गया, जिसमें मुख्यमंत्री के बंगले में 24 एसी, 5 स्मार्ट टीवी, तीन झूमर, 115 लाइटें, 23 सीलिंग पंखे, छह गीजर, 10 फ्लड लाइटें, अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरे और हाई क्वालिटी का इंटरनेट कनेक्शन का जिक्र है।
इस पर उन्होंने जवाब दिया कि जिस आदमी (केजरीवाल) ने दावा किया था कि वह कभी बंगला और कार नहीं लेगा, उसने लोगों की गाढ़ी कमाई के 80 करोड़ रुपए अपने निजी इस्तेमाल के लिए खर्च कर दिए। उनके पर्दे भी कई करोड़ रुपए के थे। जब लोगों ने इसको लेकर सवाल उठाए तो उन्होंने अपने शीश महल के द्वार बंद कर लिए।
सीएम गुप्ता ने कहा कि आज चार महीने मुख्यमंत्री रहने के बाद मेरे पास सरकारी आवास नहीं है। मैं अपनी गली में लोगों की शिकायतें सुनने के लिए टेबल और कुर्सी का इस्तेमाल करती हूं। इतिहास में कभी भी किसी सीएम को ऐसा आवास नहीं दिया गया, जहां एलजी का चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी बैठता हो। चूंकि दिल्ली में कोई आधिकारिक सीएम आवास नहीं था, इसलिए मेरे लिए वहां जाना और रहना आसान था। फिर भी मैंने शीश महल में जाने और रहने से इनकार कर दिया। मैं केवल ऐसे आवास में जा सकती हूं जहां हजारों लोग आकर मुझसे मिल सकें। अन्यथा, मैं नहीं जाऊंगी। आज मेरा घर सभी के लिए खुला है।
सीएम गुप्ता ने रहा कि जब केजरीवाल साहब सीएम थे तो कोई भी उनसे मिलने नहीं जा सकता था। लेकिन मेरा घर और निवास उन सभी के लिए खुला है जो मुझसे मिलना चाहते हैं। मैं आपका सीएम हूं, मेरा समय आपका है और मेरा घर आपका है। आज मेरे निवास का नवीनीकरण उस लागत से हो रहा है, जिस लागत से उन्होंने अपने घर के लिए डोरमैट और पर्दे खरीदे थे। मेरा काम पारदर्शी है। मैं उनकी तरह गुप्त बैठकें नहीं करती। न ही मेरे पास 100 सेलफोन का बेड़ा है, जिसे पकड़े जाने पर तोड़ा जा सके। मैं जहां भी लोग कहेंगे, वहीं रहूंगी। मैं उनके दिलों में रहना चाहता हूं। मैं सड़कों पर रहने के लिए तैयार हूं।
यह पूछे जाने पर कि अब शीश महल का क्या होगा। रेखा गुप्ता ने जवाब दिया, “हमारी योजना है कि जनता का पैसा जो वहां बर्बाद किया, वो फिर से खजाने में आए। उससे जनता का लाभ हो। इसका इस्तेमाल लोगों की भलाई के लिए किया जाए।