महिला सरपंच को रात को मिलने बुलाता था BDO, CM नायब सिंह सैनी तक पहुंची बात तो किया सस्पेंड

हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के शाहाबाद गांव की महिला सरपंच से अभद्र व्यवहार के मामले में नायब सिंह सैनी सरकार ने शाहाबाद के बीडीपीओ नरेंद्र ढुल को सस्पेंड कर दिया है. 4 मार्च को शाहाबाद के सरपंचों ने चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री नायब सैनी से मुलाकात कर बीडीपीओ नरेंद्र ढुल की शिकायत की थी. इसके बाद बुधवार को विभाग ने बीडीपीओ को सस्पेंड कर दिया. सरपंच एसोसिएशन ने मंगलवार को आरोपी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई

महिला सरपंच और बीडीपीओ के बीच 3 मार्च को विवाद हुआ था. पेड़ काटने से जुड़े मामले में सरपंच को कार्यालय में बुलाया गया था. सरपंच के पति ने आरोप लगाया कि अधिकारी ने पेड़ के केस को रफा-दफा करने के लिए उनसे 1 लाख रुपए मांगे थे. सरपंच के पति ने आरोप लगाया कि बीडीपीओ उसकी पत्नी को कई बार अकेले में मिलने के लिए फोन करता था. 3 मार्च को अधिकारी के कार्यालय में हुई घटना के बाद उसकी पत्नी ने उसे यह बात बताई. आरोपी ने उसकी पत्नी को रात को अकेले में कुरुक्षेत्र आकर मिलने की धमकी दी थी

3 मार्च को अपने कार्यालय में बुलाया शाहाबाद के गांव की सरपंच ने आरोप लगाया था कि पेड़ काटने के मामले में एक अधिकारी ने उनको समन भेजकर 3 मार्च की दोपहर अपने कार्यालय में बुलाया था. वह अपने पति के साथ करीब 2 बजे अधिकारी के कार्यालय में पहुंची. पति को साथ देखकर अधिकारी भड़क गया और पति को बाहर भेजने की धमकी दी

पेड़ काटने पर समन दिया था

सरपंच ने पति को बाहर जाने से मना कर दिया, जिस पर अधिकारी भड़क गया और उनके साथ गाली-गलौज करने लगा. विरोध करने पर अधिकारी ने उनके पति को स्टाफ कर्मियों को बुलाकर जबरन बाहर भेजने की धमकी दी. बाहर नहीं जाने पर अधिकारी मारपीट करने पर उतर आया. आरोपी अधिकारी पेड़ काटने के मामले को रफा-दफा करने के लिए 1 लाख रुपए और मांग रहा था. कुछ समय पहले उन्होंने अधिकारी को 1 लाख रुपए दिए भी थे, जबकि मामला डीसी कोर्ट ने निपटा दिया था. अब अधिकारी उस पर 1 लाख रुपए और उसकी पत्नी से अकेले में मिलने की मांग कर रहा था

बीडीपीओ ने रखा अपना पक्ष

बीडीपीओ नरेंद्र कुमार ने बताया कि शाहाबाद की ग्राम पंचायत के खिलाफ बरगद का पेड़ काटने के संबंध में शिकायत सीएम विंडो पर आई थी. इस शिकायत की जांच के लिए सरपंच को 3 मार्च की दोपहर 2 बजे खंड कार्यालय में बुलाया गया था. महिला सरपंच के साथ उनके पति को जांच में बैठने की अनुमति दी थी, लेकिन जांच शुरू होते ही सरपंच का पति उनके साथ दुर्व्यवहार करने लगा. सरपंच का पति उन पर 1 लाख रुपए रिश्वत लेने का झूठा आरोप लगा रहा है. साथ ही उन पर सरपंचों को जानबूझ कर निलंबित करने का आरोप भी लगाया. सरपंच पति ने उसे जान से मारने की धमकी दी और अपने साथियों को मौके पर बुलाने के लिए फोन भी किया

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