
Bihar Assembly Elections: 2020 के चुनाव में कांग्रेस 70 सीटों पर लड़ी थी जबकि इस बार केवल 50 से 55 सीटें ही मिलने की उम्मीद है. वहीं आरजेडी अपने पास 125-130 सीटें रखना चाह रही है.
बिहार विधानसभा चुनाव (2025) को लेकर महागठबंधन के बीच सीटों का बंटवारा अब तक नहीं हो सका है. अलग-अलग दलों की बैठकें हो रही हैं. तेजस्वी यादव भी गणित बैठा रहे हैं. इस बीच एक ताजा फॉर्मूला आया है. सूत्रों के मुताबिक, अब तक की चर्चा के अनुसार, कांग्रेस को भाव नहीं मिल रहा है.
2020 के चुनाव में कांग्रेस 70 सीटों पर लड़ी थी जबकि इस बार केवल 50 से 55 सीटें ही मिलने की उम्मीद है. वहीं आरजेडी अपने पास 125-130 सीटें रखना चाह रही है. वाम दलों को 30-35 सीटें और वीआईपी को 18 से 20 सीटें दी जा सकती हैं. वहीं दूसरी ओर आरएलजेपी को 3 से 4 सीटें जेएमएम को 2 से 3 सीटें मिलने की संभावना है. अगर वीआईपी को 18 से 20 सीटें मिलती हैं तो वह फायदे में रहेगी.
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने सीट मांगने का नया फॉर्मूला तैयार किया है. इसे नीचे देखें.
1) A कैटेगरी में वो सीटें शामिल हैं जहां कांग्रेस पिछले चुनाव में 5 से 10 हजार वोटों के अंतर से हारी थी.
2) B कैटेगरी में वे सीटें हैं जहां 10 से 15 हजार का अंतर रहा है.
कई विधायकों का कट सकता है टिकट
बता दें कि आरजेडी में 2-3 सीटों को लेकर मंथन बाकी है. सूत्रों की मानें तो इस बार कई विधायकों का टिकट कट सकता है. उधर वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी ने साफ कहा है कि महागठबंधन में सीट शेयरिंग हो गई है. सीटों का फॉर्मूला तय हो गया है. महागठबंधन की सरकार बनने पर वे डिप्टी सीएम होंगे. लगातार वे इस बात की रट लगा रहे हैं. कांग्रेस के लिए यह भी झटका वाली बात है. हालांकि दूसरा फॉर्मूला ये भी हो सकता है कि एक डिप्टी सीएम कांग्रेस से बना दिया जाए.