49 दिन में 9500 रुपये महंगा हुआ सोना, चांदी भी पीछे नहीं, इस साल के अंत में जानें कहां जाएगा भाव

सोने में तो वैसे पिछले साल भी अच्छी तेजी दर्ज की गई लेकिन इस साल अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत और ट्रेड वॉर शुरू होने की आशंका से सोने में बड़ी तेजी दर्ज की गई है।


Gold की कीमत में तेजी का सिलसिला रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। सोना पिछले 49 दिनों में ही ₹76,544 से बढ़कर ₹86,020 प्रति 10 ग्राम हो गया, जिससे इसके भाव में ₹9,506 प्रति 10 ग्राम की बढ़त दर्ज की गई। एमसीएक्स पर सोने का भाव शुक्रवार को ₹86,020 प्रति 10 ग्राम पर बंद होने के बाद एमसीएक्स सोने में लगभग 1.57 फीसदी की साप्ताहिक बढ़त दर्ज की गई। सोने में तो वैसे पिछले साल भी अच्छी तेजी दर्ज की गई लेकिन इस साल अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत और ट्रेड वॉर शुरू होने की आशंका से सोने में बड़ी तेजी दर्ज की गई है। सोने के साथ चांदी की कीमत बढ़ रही है। सर्राफा बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि यह तेजी यहीं रुकने वाली नहीं है। आइए जानते हैं कि इस साल सोने का भाव कहां तक पहुंच सकता है। 

धनतेरस और दिवाली तक कहां होगा सोना? 

एचडीएफसी सिक्योरिटीज में कमोडिटी और करेंसी के हेड अनुज गुप्ता ने इंडिया टीवी को बताया कि भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं, मुद्रास्फीति का दबाव और रुपये का लगातार गिरने से सोने में तेजी बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि तकनीकी रूप से, अंतरराष्टीय बाजार में स्पॉट गोल्ड $2900 के स्तर की ओर बढ़ता दिख रहा है, जिसे $2845/2826 पर सपोर्ट है। उन्होंने आगे कहा कि भविष्य की बात करें तो शॉर्ट टर्म में उतार-चढ़ाव आ सकता है लेकिन लंबी अवधि में तेजी बनी रहेगी। मेरा अनुमान है कि धनतेरस और दिवाली तक एमसीएक्स पर सोना 87,000 रुपये के रिकॉर्ड हाई को छु सकता है। अगर ऐसा हुआ तो भारतीय बाजार में 24 कैरेट सोने की कीमत 90 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम आसानी से पहुंच जाएगी। 

चांदी भी नहीं रहेगी पीछे 

सोने में तेजी के बाद अब चांदी की बारी है। सैमको सिक्योरिटीज के अनुमानों के अनुसार, अगले 12 महीनों में चांदी 1,17,000 रुपये के लक्ष्य को छूने के लिए तैयार है। दिसंबर 2022 से 41% की तेजी के बावजूद सफेद धातु में चांदी में एक बार फिर तेजी आने की संभावना है। दिसंबर 2022 से चांदी ने निफ्टी से बेहतर प्रदर्शन किया है और इस अवधि में 26% रिटर्न दिया है। शुक्रवार को MCX पर सिल्वर अप्रैल कॉन्ट्रैक्ट 222 रुपये प्रति किलोग्राम की गिरावट के साथ 96,891 रुपये पर कारोबार कर रहा था। जल्द ही चांदी एक बार फिर 1 लाख रुपये का आंकड़ा फिर से हासिल कर सकती है। 

चांदी में तेजी की वजह 

डॉलर इंडेक्स (DXY) में कमजोरी चांदी के लिए एक बड़ा सकारात्मक पहलू है। जब डॉलर कमजोर होता है, तो चांदी की समान मात्रा खरीदने के लिए अधिक डॉलर की आवश्यकता होती है, जिससे चांदी की कीमतें बढ़ती हैं। चांदी एक महत्वपूर्ण उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों और सौर पैनलों जैसे विभिन्न उत्पादों के उत्पादन के लिए किया जाता है। उद्योगिक मांग बढ़ने वाली है जो चांदी की कीमत बढ़ाएगी। वहीं सोने के मुकाबले अभी चांदी में कम तेजी आई। ये सारे कारण चांदी की कीमत में उछाल लाएंगे। 

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