भारत से पंगा लेकर बुरा फंसा बांग्लादेश, मोहम्मद यूनुस सरकार के पसीने छुड़ा देगा ये ‘रिपोर्ट कार्ड’

कोरोना महामारी के दौरान 2020 में बांग्लादेश की जीडीपी ग्रोथ रेट 3.45 पर्सेंट थी, जो दशकों में पहली बार सबसे कम रही.
दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल बांग्लादेश की स्पीड धीमी पड़ने लगी है. चार सालों में उसकी अर्थव्यवस्था सबसे निचले स्तर पर आ गई है और आगे भी फिलहाल हालात बेहतर होने के आसार नहीं हैं. बांग्लादेश ब्यूरो ऑफ स्टेटिक्स (BBS) ने बताया कि 2024 में बांग्लादेश की जीडीपी ग्रोथ रेट 4.22 पर्सेंट रही. 

बांग्लादेश के बैंक भी देश की हालात को लेकर चिंतित हैं. सेंट्रल बैंक और बांग्लादेश बैंक जैसी देश की प्रतिष्ठित संस्थाओं का अनुमान है कि 2025 में भी हालात कुछ बेहतर रहने की उम्मीद नहीं है. दोनों बैंक ने इस साल जीडीपी ग्रोथ रेट 4 से 5 पर्सेंट के बीच रहने का अनुमान जताया है. हालांकि, वर्ल्ड बैंक और इंटरनेशनल मोनेट्री फंड को ऐसा नहीं लगता है.

पिछले महीने वर्ल्ड बैंक ने 2025 के लिए बांग्लादेश की जीडीपी ग्रोथ रेट 4.1 पर्सेंट रहने का अनुमान लगाया था, जबकि उससे एक महीने पहले इंटरनेशनल मोनेट्री फंड ने बांग्लादेश की ग्रोथ रेट 3.8 पर्सेंट रहने की भविष्यवाणी की. साल 2019 में बांग्लादेश की ग्रोथ रेट 8.15 थी, जो 2024 में घटकर 4.22 पर्सेंट पर आ गई है. पिछले साल बजट में सरकार ने 7.50 पर्सेंट की ग्रोथ रेट के साथ बढ़ने का लक्ष्य रखा था, जो बाद में रिवाइज करके 6.5 पर्सेंट कर दिया गया. हालांकि, सच्चाई ये है कि सरकार लक्ष्य से बहुत पीछे रह गई है.

कोरोना महामारी के दौरान 2020 में जीडीपी ग्रोथ रेट 3.45 पर्सेंट थी और ऐसा दशकों में पहली बार था. हालांकि, सरकार के सामने कोरोनाकाल जैसे हालात नहीं हैं, लेकिन इस वक्त अर्थव्यवस्था के जो हाल हैं, उसमें बांग्लादेश सबसे कमजोर स्थिति नजर आ रहा है. ढाका ट्रिब्यून के अनुसार फाइनेंशियल ईयर 2024 में बांग्लादेश की जीडीपी 450 बिलियन डॉलर रही, जो कि अनुमान से कम है. अगस्त में जीडीपी 459 बिलियन डॉलर रहने का अनुमान लगाया गया था. वहीं, पर कैपिटा ग्रोस नेशनल इनकम (GNI) की बात करें तो वह भी प्रोजेक्शन से काफी कम रही. रिपोर्ट के अनुसार पर कैपिटा ग्रोस नेशनल इनकम 2,738 डॉलर रही, जबकि अनुमान ये था कि जीएनआई 2,784 डॉलर रहेगा. BBS ने राजनीतिक अस्थिरता, अनिश्चितता और नीतियों को अर्थव्यवस्था के लिए जिम्मेदार ठहराया है. हालांकि, इस बात की उम्मीद जताई गई है कि 2025 के बाद आने वाले सालों में इकोनॉमी में सुधार होगा. सेंट्रल बैंक का कहना है कि राजनीतिक अस्थिरता, अनिश्चितता और नीतियों को लेकर देश में अब स्थिरता आने लगी है, जिसका असर आने वाले सालों में दिखेगा. अगले साल जीडीपी ग्रोथ रेट 6 पर्सेंट रहने का अनुमान जताया गया है.  

बांग्लादेश बैंक (BB) ने कहा कि 2025 के शुरुआती छह महीनों में अर्थव्यवस्था के लिहाज से ज्यादा उम्मीद नहीं रख सकते हैं क्योंकि अंतरिम सरकार कई चुनौतियों का सामना कर रही है. पिछले एक साल में बांग्लादेश के भारत के साथ रिश्तों में खटास आ गई है. हिंदुओं पर हमले, पाकिस्तान से दोस्ती और दोनों देशों से जुड़े कई मुद्दों पर यूनुस सरकार की बयानबाजियों ने रिश्तों को काफी प्रभावित किया है. इंडियन इकोनॉमी की बात करें तो भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और 2023-34 में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 8.2 पर्सेंट रही, जबकि कुल जीडीपी 3.89 ट्रिलियन डॉलर थी. 

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