भाई ने तोड़ा भरोसा, दिल्ली की कोर्ट ने रेप के आरोपी भाई को सुनाई 5 साल की सजा, कहा- ‘रिश्ते को किया कलंकित’

 दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट की जज बबीता पुनिया ने कहा कि यह मुआवजा पीड़िता के शारीरिक और मानसिक दर्द की भरपाई नहीं कर सकता, लेकिन शिक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में मदद हो सकता है. दिल्ली में इंसानी रिश्तों को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. मामला यह है कि दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने एक युवक को अपनी 14 साल की नाबालिग बहन के साथ यौन शोषण का दोषी करार देते हुए 5 साल की कठोर कैद की सजा सुनाई है. एडिशनल सेशन जज बबीता पुनिया ने फैसला सुनाते हुए कहा दोषी ने पारिवारिक रिश्तों के सबसे पवित्र बंधन भाई-बहन के विश्वास को तोड़ने का जुर्म किया है.

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने इस बात पर चिंता जताई कि पीड़िता को उसके ही परिवार ने कोर्ट में सच बताने से रोकने की कोशिश की. इसके बावजूद लड़की ने साहस दिखाया और पूरी घटना अदालत में बयां की, जिसे अदालत से पीड़ित का अन्याय के खिलाफ साहस का प्रतीक बताया.

लड़की को 3 लाख का मिलेगा मुआवजा

तीस हजारी कोर्ट ने पीड़िता को तीन लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है. अदालत ने कहा कि यह मुआवजा उनके शारीरिक और मानसिक दर्द की भरपाई नहीं कर सकता, लेकिन शिक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मदद हो सकता है.

भाई की जेल में बंदी से परेशान

बाल कल्याण समिति (CWC) की रिपोर्ट में बताया गया कि बच्ची भावनात्मक रूप से बेहद परेशान है और अपने भाई के जेल में होने को लेकर अपराधबोध महसूस कर रही है. कोर्ट ने CWC को निर्देश दिया है कि जब तक जरूरत हो, बच्ची और उसके परिवार की नियमित काउंसलिंग करवाई जाए.

कोर्ट ने पॉक्सो और BNS की धाराओं में माना दोषी

तीस हजारी कोर्ट ने युवक को पॉक्सो एक्ट और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 74, 75 और 76 के तहत भाई को दोषी माना है. इस मामले में पीड़िता की ओर से विशेष लोक अभियोजक निशांत कुमार और डीसीडब्ल्यू की वकील शिवानी गंभीर ने कोर्ट में दलील पेश की थी. अदालत ने गुरुवार को इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुना दिया. 

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