बिहार SIR पर 12-13 अगस्त को सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘अगर बड़ी संख्या में वोटर बाहर हुए तो हम दखल देंगे’

जस्टिस जोयमाल्या बागची ने एडीआर से कहा कि आप कहते हैं कि गलत तरीके से लोगों को लिस्ट से हटाया जा रहा है. आप 15 ऐसे लोग लाइए, जो जीवित हैं लेकिन उन्हें मृत बता कर लिस्ट ने नहीं रखा गया है. बिहार वोटर लिस्ट जांच-सुधार (SIR) मामले पर सुप्रीम कोर्ट 12 और 13 अगस्त को सुनवाई करेगा. कोर्ट ने दोनों पक्षों से 1-1 दिन बहस करने को कहा है. जस्टिस सूर्य कांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा है कि अगस्त में ड्राफ्ट लिस्ट को लेकर याचिकाकर्ता पक्ष की आपत्तियों पर सुनवाई होगी. इसके बाद दूसरे चरण में सितंबर के महीने में मामला फिर सुना जाएगा.

याचिकाकर्ता एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की तरफ से वकील प्रशांत भूषण ने 65 लाख लोगों के फॉर्म जमा न होने की बात कही. इस पर बेंच के सदस्य जस्टिस जोयमाल्या बागची ने कहा, ‘आप कहते हैं कि गलत तरीके से लोगों को लिस्ट से हटाया जा रहा है. आप 15 ऐसे लोग लाइए, जो जीवित हैं लेकिन उन्हें मृत बता कर लिस्ट ने नहीं रखा गया है.’सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अगर गलत तरीके से किसी को बाहर किया गया तो वह दखल देगा, लेकिन चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है. यह मान कर चलना चाहिए कि वह कानूनी लिहाज से उचित कदम उठा रहा होगा. चुनाव आयोग के लिए पेश वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने कहा, ‘1 अगस्त को ड्राफ्ट लिस्ट प्रकाशित हो जाएगी. जो लोग इसमें छूट जाएंगे, उन्हें आवेदन के लिए पूरे 1 महीने का समय मिलेगा. 15 सितंबर तक तस्वीर साफ हो जाएगी.’

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