बाबा अंबेडकर की जन्मस्थली पहुंचे CM मोहन यादव, बोले- ‘यहां आना तीर्थ आने के बराबर’

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव गणतंत्र दिवस पर संविधान निर्माता डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर की जन्मस्थली पहुंचे और उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गणतंत्र दिवस की 76वीं वर्षगांठ पर डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली डॉ. अम्बेडकर नगर (महू) पहुंचे। यहां उन्होंने संविधान निर्माता (बाबा साहेब) डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और श्रद्धासुमन अर्पित किए। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि आज 26 जनवरी गणतंत्र दिवस हमारे लिये सबसे बड़ा त्यौहार है। बाबा साहेब के कारण ही हमारा गणतंत्र दुनिया में पहली बार जाना और पहचाना गया। बाबा साहेब की जन्मस्थली पंच तीर्थों में से एक प्रमुख स्थल है। आज गणतंत्र दिवस के शुभ दिन पर संविधान निर्माता डॉ. बाबा साहेब की जन्मस्थली में आकर उन्हें प्रणाम करना सौभाग्य की बात है। यहाँ आना तीर्थ आने के बराबर है।

ये सौभाग्य की बात है- सीएम मोहन

सीएम मोहन यादव ने कहा 26 जनवरी हमारे सबके लिए हमारे लोकतंत्र के संदर्भ होली-दिवाली हमारी सभी त्योहारों से बढ़कर त्यौहार है। यह बाबा साहब अंबेडकर की जन्मस्थली है जो की पंच तीर्थ है मैं वहां प्रणाम करने भी आया हूं। हमारा तो परमात्मा की दुआ से यह कमिटमेंट है हमारे लिए यह मां का आधार है और 26 जनवरी है तो संविधान निर्माता के यहां प्रणाम करना यह हमारे सबके लिए सौभाग्य की बात है। सीएम ने आगे विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा-  “यह अलग बात है लोग कोई अपना भाव लेकर पर्यटन के केंद्र के रूप में आए या तीर्थ स्थल के रूप में आए। बड़े दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ रहा है लोग यहां पर इवेंट के लिए आ रहे हैं जबकि यहां कमिटमेंट की तरह से आना चाहिए। बाबा साहब के जीवन में जिन्होंने कष्ट दिए जिन्हें चुनाव में लड़ने नहीं दिया, उनके जीवन में सदैव अगर कष्ट आए तो किसी एक विशेष पार्टी से और उनके नेताओं से आए। आज सब वह अपनी जमीन खोकर यहां पर्यटन की दृष्टि से आएं। खैर कोई बात नहीं बाबा सबको सद्बुद्धि दे। आने में कोई किसी को रोक नहीं है लेकिन उम्मीद करें कि वह बाबा साहब के साथ किए गए अन्याय को भी स्मरण करें और माफी मांगे जिनके कारण बाबा साहब के साथ अन्याय हुआ।” मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा- “बाबा साहब ने 1950 में संविधान लागू करते समय इशारा किया था और धारा 370 के खिलाफ अपनी असहमति व्यक्त की थी। उन्होंने इसे जोड़ने से मना किया था, क्योंकि इसके कारण हजारों लोगों की जिंदगी तबाह हुई। सीएम ने कहा, “यहां जनता भगवान होती है। जनता सबकुछ देख रही है और सही-गलत को पहचानती है। मैं यहां बाबा साहब के संविधान और लोकतंत्र में उनके योगदान को स्मरण करने आया हूं। हमारा यह सौभाग्य है कि हम इस महान व्यक्ति के जन्मस्थल पर आकर उन्हें नमन कर सकते हैं।”


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