
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक मथुरा स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर के दर्शन करने पहुंचे. इस बीच पूजा अर्चना के बाद मंदिर के सेवायतों ने उन्हें लेटर सौंपा है.यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक बुधवार को विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर पहुंचे, जहां पर उन्होंने दर्शन और पूजा अर्चना की. पूजा के बाद डिप्टी सीएम को सेवायतों की तरफ से ठाकुर बांके बिहारी का एक लेटर मिला है. लेटर मिलने के बाद डिप्टी सीएम ने उसे अपने सिर लगाया.
लेटर के अंदर क्या है?
उपमुख्यमंत्री को ये लेटर सेवायतों की तरफ से सौंपा गया है. गोस्वामी समाज ने कहा कि ये लेटर बांके बिहारी महाराज ने दिया है. इस लेटर के अंदर लिखा है कि ‘मेरे मंदिर और कुंज गलियों को ध्वस्त किया जा रहा है. मंदिर के अधिग्रहण और अध्यादेश को निरस्त किया जाए, ऐसा आदेश ठाकुर बांके बिहारी महाराज की तरफ से हुआ.’
ब्रजेश पाठक ने दिया आश्वासन
मंदिर दर्शन के दौरान उपमुख्यमंत्री को मिले इस लेटर में सेवायतों की तरफ से नाराजगी जाहिर की गई है. इस लेटर पर ब्रजेश पाठक ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए गोस्वामी समाज को आश्वासन देते हुए कहा है कि आपके हितों का हनन नहीं होने दिया जाएगा.
उपमुख्यंत्री ने शाम में किए दर्शन
शाम के समय उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक बांके बिहारी मंदिर दर्शन करने पहुंचे तो वहां पर मंदिर सेवायतों ने पहले पूजा अर्चना कराई और उसके बाद एक लेटर उन्हें दिया, जिसमें उन्होंने कॉरिडोर के खिलाफ अपनी मांगों को रखा. इस पर उपमुख्यमंत्री ने भी सेवायत गोस्वामियों का हनन नहीं होगा, इस बात का भरोसा दिया.
एक हफ्ते से सेवायत कर रहे हैं विरोध-प्रदर्शन
बता दें कि लगभग पिछले एक हफ्ते से लगातार वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर पर बनने वाले कॉरिडोर को लेकर मंदिर के सेवायतों के जरिए प्रतिदिन मंदिर के गेट पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है, जिसको लेकर जिले से लेकर आगरा तक के अधिकारी गोस्वामियों के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं.
एक तरफ प्रदर्शन तो दूसरी तरफ चल रही थी बैठक
लेकिन, आज एक ऐसा वाकया सामने आया, जहां एक तरफ मंदिर के गेट नंबर एक पर प्रदर्शन हो रहा था तो वहीं दूसरी ओर एडीजी आगरा जोन, डीआईजी आगरा, कमिश्नर आगरा, मथुरा जिलाधिकारी और मथुरा एसएसपी मंदिर के सेवायतों और ब्राह्मण समाज के लोगों के साथ वृंदावन स्थित टूरिस्ट फैसिलिटी सेंटर में बैठक कर रहे थे. एक तरफ विरोध प्रदर्शन और दूसरी तरफ बैठक इस बैठक के मायने तो अधिकारी ही बता पाएंगे कि इस तरह की बैठकों से समस्या का कोई समाधान निकलेगा या नहीं.