
उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर करीब 20 मिनट कुछ अहम मसलों पर चर्चा की. इस दौरान ‘हिंदी की ज़बरदस्ती आखिर क्यों?’ नामक पुस्तक CM को भेंट की. शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच गुरुवार (17 जुलाई) को मुलाकात हुई और बीस मिनट की चर्चा हुई. उद्धव ठाकरे के साथ उनके विधायक बेटे आदित्य ठाकरे भी मौजूद रहे. दोनों नेताओं ने सीएम फडणवीस साथ विधानसभा के अंटी-चेंबर में करीब बीस मिनट तक चर्चा की. इसमें विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद को लेकर, त्रिभाषा सूत्र और हिंदी भाषा की अनिवार्यता के मुद्दे पर बातचीत हुई.
इस दौरान उद्धव ठाकरे ने ‘हिंदी की ज़बरदस्ती आखिर क्यों?’ नामक पुस्तक देवेंद्र फडणवीस को भेंट की. इस पर देवेंद्र फडणवीस ने सुझाव दिया कि यह पुस्तक समिति के अध्यक्ष नरेंद्र जाधव को भी दी जानी चाहिए.
नेता प्रतिपक्ष पद को लेकर CM फडणवीस से मुलाकात
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पद देना यह अध्यक्ष का अधिकार होता है, लेकिन अब तक यह पद उद्धव ठाकरे गुट को नहीं दिया गया है. इसी संदर्भ में उद्धव ठाकरे और शिवसेना (UBT) के विधायक आदित्य ठाकरे ने मुख्यमंत्री से अंटी-चेंबर में मुलाक़ात कर चर्चा की. इस दौरान ठाकरे गुट के कुछ अन्य विधायक भी मौजूद थे.
फडणवीस ने उद्धव ठाकरे को साथ आने का दिया ऑफर!
हालांकि विधानभवन के सदन में देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे को साथ आने का ऑफर दिया था इसलिए इस मुलाकात के मायने निकाले जा रहे हैं. देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘2029 तक तो कोई स्कोप नहीं है लेकिन उद्धवजी, आपको यहां शामिल करने पर विचार किया जा सकता है.” वहीं दूसरी तरफ सीएम फडणवीस के बयान को लेकर पूछे जाने पर यूबीटी प्रमुख ने कहा कि जाने दीजिए, ये सब हंसी मजाक की बातें हैं. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का ये ऑफर ऐसे वक्त में आया है जब राज ठाकरे की उद्धव ठाकरे के साथ नजदीकी बढ़ी है. महाराष्ट्र में मराठी-हिंदी भाषा विवाद के मुद्दे को लेकर पांच जुलाई को शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज ठाकरे ने संयुक्त रैली की थी और राज्य सरकार को घेरा था.