फर्जी CBI अफसर बनकर किया डिजिटल अरेस्ट, 23.56 लाख की ठगी करने वाला एक और आरोपी गोआ से गिरफ्तार

डिजिटल अरेस्ट स्कैम मामले में राजस्थान की साइबर पुलिस टीम ने एक और आरोपी को गोआ से गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने खुद को फर्जी सीबीआई अधिकारी बताकर बुजुर्ग से 23.56 लाख की ठगी की थी। गौरतलब है कि इस मामले में अब तक छह लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है।

राजस्थान साइबर थाना पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट स्कैम मामले में एक और अहम गिरफ्तारी की है। 75 वर्षीय जयपुर निवासी बुजुर्ग से 23.56 लाख की ठगी करने वाले गिरोह के एक प्रमुख सहयोगी को गोआ से गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई साइबर अपराध के संगठित नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।

एसपी साइबर क्राइम शांतनु कुमार सिंह ने बताया कि 27 मई को जयपुर निवासी एक बुजुर्ग ने शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ जालसाजों ने खुद को फर्जी पुलिस और सीबीआई अधिकारी बताकर उन्हें फोन पर डिजिटल अरेस्ट की धमकी दी और डराकर 23.56 लाख रुपयों की ठगी की। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मामला दर्ज कर जांच शुरू की और अब तक सुरेश कुमार, प्रहलाद कुमावत, ओमप्रकाश, भूपेश, वशुल और सन्नी कुमार सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार आरोपी सन्नी कुमार ने खुलासा किया कि रेहान मकन्दर नामक युवक भी इस गिरोह का हिस्सा है। इसके बाद साइबर थाना की एक विशेष टीम को गोआ भेजा गया, जहां टीम ने पोंडा (गोआ) निवासी 23 वर्षीय रेहान मकन्दर को गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर जयपुर लाया। न्यायालय में पेश किए गए रेहान से अब गहन पूछताछ की जा रही है।

पूछताछ के दौरान रेहान ने स्वीकार किया कि वह सन्नी कुमार और अन्य आरोपियों के साथ मिलकर USDT (एक प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी) के जरिए ठगी की रकम को लेनदेन में इस्तेमाल करता था। ऐसे में यह खुलासा इस मामले को नई दिशा देता है और साइबर अपराध में क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते इस्तेमाल को भी उजागर करता है।

एसपी शांतनु कुमार सिंह ने बताया कि मामला बेहद गंभीर है और इसमें तकनीकी व वित्तीय जांच गहराई से की जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में गिरोह से जुड़े और भी लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है।

Related Articles

Back to top button