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 पाक न्यूक्लियर ठिकाने में रेडिएशन, क्या जांच के लिए पहुंची US की टीम? आया अमेरिका का बड़ा बयान

भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के कई एयरबेस पर सटीक हवाई हमले किए, जिनमें सरगोधा और नूरखान एयरबेस भी शामिल हैं. अमेरिका ने पहली बार उन दावों पर बयान दिया है, जिनमें कहा गया कि किराना हिल्स में पाकिस्तान के न्यूक्लियर ठिकाने को भारत की बमबारी में निशाना बनाया गया और रेडियोएक्टिव रिसाव शुरू होने के बाद एक अमेरिकी विमान जांच के लिए साइट पर भी पहुंचा. हालांकि, भारतीय सेना पहले ही उन रिपोर्ट्स का खंडन कर चुकी है, जिनमें किराना हिल्स में मौजूद सबसे संवेदनशील न्यूक्लियर फैसिलिटी को निशाना बनाने के दावे किए गए.  

सोशल मीडिया पर कई एक्सपर्ट्स दावे कर रहे हैं कि भारत की एयरस्ट्राइक में किराना हिल्स को निशाना बनाया गया था, जो पाकिस्तान का न्यूक्लियर ठिकाना है और भारत की बमबारी के बाद वहां रेडियोएक्टिव रिसाव शुरू हो गया है, जिसकी जांच के लिए अमेरिकी विमान वहां पहुंचा है. अमेरिकी विदेश विभाग ने पहली बार इस पर बयान दिया है.  अमेरिकी विदेश मंत्रालय के मुख्य उप प्रवक्ता थॉमस पिगॉट ने मंगलवार (13 मई, 2025) को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस वक्त उनके पास पूर्वावलोकन करने के लिए कुछ भी नहीं है. ये अफवाहें तब फैलीं जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के कई एयरबेस पर सटीक हवाई हमले किए, जिनमें सरगोधा और नूरखान एयरबेस भी शामिल हैं. 

ये दोनों एयरबेस परमाणु संबंधित बुनियादी ढांचे के बहुत करीब हैं. रावलपिंडी में मौजूद नूर खान एयरबेस पाक के न्यूक्लियर कमांड सेंटर से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है और सरगोधा एयरबेस किराना हिल्स से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर है. इसके बाद ही सोशल मीडिया पर दावे किए जाने लगे कि भारत की बमबारी में पाकिस्तान की न्यूक्लियर फैसिलिटी को नुकसान पहुंचा है.

सीजफायर पर पिगॉट ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप ने शांति की राह चुनने और इससे जो बुद्धिमत्ता और दृढ़ता का परिचय मिलता है, उसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाक पीएम शहबाज शरीफ की स्पष्ट रूप से प्रशंसा की है. उन्होंने कहा, ‘हम यह देखकर खुश हैं. हमारा ध्यान इसी पर केंद्रित है. हम संघर्ष विराम को बनाए रखना चाहते हैं और हम दोनों प्रधानमंत्रियों के सीधे संवाद को प्रोत्साहित करना चाहते हैं. हमारा ध्यान सीधे संवाद को प्रोत्साहित करने पर है.’

पिगॉट ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप शांति निर्माता हैं. वह शांति को महत्व देते हैं. उन्होंने बार-बार यह दिखाया है कि वह अमेरिका प्रथम एजेंडे को आगे बढ़ाने के साथ-साथ शांति भी चाहते हैं. वह संघर्ष को समाप्त होते देखना चाहते हैं.

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