
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एक और बड़े एक्शन की तैयारी कर ली है. वह एफएटीएफ से पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में शामिल करने की जल्द ही बात कर सकता है.
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के खिलाफ एक और बड़े एक्शन की तैयारी कर ली है. भारत फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) से पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में शामिल करने की बात कर सकता है. FATF का काम मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के लिए मिलने वाली आर्थिक सहायता पर नजर रखना है. यह एक वैश्विक संस्था है. पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की जान गई थी. इसमें पाकिस्तान का ही हाथ था.
पाकिस्तान आतंकवाद का गढ़ रहा है और वह सालों से आतंकियों के लिए फंडिंग करता रहा है. उसे इसकी वजह से कई बार ग्रे लिस्ट में डाला जा चुका है. पाकिस्तान को जून 2018 में एफएटीएफ ने टेरर फंडिंग के लिए ग्रे लिस्ट में डाला था, लेकिन अक्तूबर 2022 में इसे ग्रे लिस्ट से निकाल दिया गया था. पाक को 2008 में भी ग्रे लिस्ट में शामिल किया गया था, लेकिन फिर 2009 में हटा दिया गया था. वह 2012 और 2015 के दौरान भी ग्रे लिस्ट में रहा.
वर्ल्ड बैंक से भी बात कर सकता है भारत
‘इंडियन एक्सप्रेस’ की एक खबर के मुताबिक, भारत वर्ल्ड बैंक से भी पाकिस्तान को फंडिंग देने का विरोध कर सकता है. इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (IMF) ने हाल ही में पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर फंड देने की मंजूरी दी है. उसने कहा है कि पाकिस्तान ने लोन के लिए सभी शर्तें मानी हैं. भारत ने आईएमएफ से भी पाक को लोन देने का विरोध किया था.
ग्रे लिस्ट में शामिल होने पर पाकिस्तान को क्या होगा नुकसान
अगर किसी देश को एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में शामिल किया जाता है तो उसे आर्थिक रूप से काफी नुकसान होता है. पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में शामिल हुआ तो उसकी दिक्कत बढ़ जाएगी. जब कोई देश ग्रे लिस्ट में आता है तो वहां निवेश की कमी होती है. इसके साथ ही राजस्व भी कम हो जाता है. इंटरनेशनल लेवल पर लेनदेन में भी कठिनाई आती है. अगर राजनीतिक रूप से देखें तो भी काफी नुकसान होता है. देश की साख पर बट्टा लगता है.
भारत ने तबाह किए पाकिस्तान के आतंकी ठिकाने
भारत ने पहलगाम हमले का बदला ऑपरेशन सिंदूर से लिया. उसने पाकिस्तान और पीओके में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया था. इसके साथ ही 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया. पाकिस्तान ने मारे गए आतंकियों का सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया. अहम बात यह है कि आतंकियों के जनाजे में पाक आर्मी के कई बड़े अधिकारी शामिल हुए. इससे पाकिस्तान खुद ही दुनिया के सामने बेनकाब कर लिया.