पहाड़ में निवेश कर स्वरोजगार व संस्कृति को आगे बढ़ाएं उत्तराखंड के लोग : सीएम धामी

पहाड़ी क्षेत्रों के अपने गांव और कस्बों में निवेश कर स्वरोजगार को पैदा करें और उत्तराखंड के विकास को एक नई दिशा दें। यह अपील उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को शिप्रा मॉल मैदान में चल रहे तीन दिवसीय उत्तरैणी-मकरैणी कौथिग महोत्सव में कहीं।

मुख्यमंत्री धामी कार्यक्रम के समापन में पहुंचे थे। उन्होंने इंदिरापुरम व गाजियाबाद के अन्य क्षेत्रों में रहने वाले उत्तराखंड के लोगों का आभार जताते हुए कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि पहाड़ के लोगों ने अपने घरों और राज्य से दूर रहकर भी अपनी संस्कृति और विरासत को जीवित रखा है। इस दौरान भाजपा के कैबिनेट मंत्री व साहिबाबाद विधानसभा से विधायक सुनील शर्मा व कार्यक्रम आयोजक पर्वतीय प्रवासी जन कल्याण समिति के पदाधिकारी मौजूद रहे। तीन दिन से चल रहे उत्तरैणी-मकरैणी कौथिग महोत्सव का रविवार को समापन था। समापन के मौके पर कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहुंचे थे। शाम करीब 4ः47 बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे सीएम धामी का उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा और पर्वतीय प्रवासी जन कल्याण समिति के अध्यक्ष सरदार सिंह रावत समेत अन्य लोगों ने स्वागत किया। इसके बाद मुख्यमंत्री धामी ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। अपने संबोधन में उन्होंने सबसे पहले क्षेत्र में रह रहे उत्तराखंड के लोगों का आभार जताया। वहीं कार्यक्रम में कुमाऊनी लोक गीतों की प्रस्तुति देख कहा कि उन्हें इंदिरापुरम में उत्तराखंड महसूस हो रहा है। इसके साथ ही उन्होंने उत्तराखंड में लागू हुए यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी), दंगा रोधी कानून, भू-कानून, नकल विरोधी कानून को सबसे पहले लागू होने और देशभर के लिए मिसाल बनने की बात कही।

अपना निवेश अपना विकास की जगाई भावना
मुख्यमंत्री धामी ने कार्यक्रम के दौरान मौजूद उत्तराखंड के लोगों में अपने प्रदेश और अपनी देवभूमि के प्रति विकास की भावना को लेकर भी बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार ने भू-कानून लागू करके जहां उत्तराखंड की जमीन को सुरक्षित किया है। वहीं अब लोगों को अपने पहाड़ में स्थित गांव, कस्बों और क्षेत्रों में निवेश कर पहाड़ी उत्पाद को आगे बढ़ाना और पहाड़ के लोगों को स्वरोजगार से मजबूत करना चाहिए। कहा कि बहुत जल्द वह देश के अलग-अलग राज्यों व विदेशों में रह रहे उत्तराखंड के लोगों को देहरादून में आमंत्रित कर उनसे संवाद भी करेंगे।
मां नंदा-सुनंदा के स्मरण से पूरा हुआ समापन
उत्तरैणी-मकरैणी कौथिग महोत्सव के समापन कार्यक्रम में कुमाऊं की लोक गायिका खुशी जोशी और दर्शन फरस्वाण ने अपने गीतों से उत्तराखंड की संस्कृति की छटा बिखेर कर समा बांध दिया। वहीं मां नंदा-सुनंदा की मनमोहक प्रस्तुति से ही कार्यक्रम समापन हुआ। इस दौरान लोगों ने मां नंदा-सुनंदा का स्मरण कर मंगल कामनाएं की।

इन योजनाओं को भी गिनाया
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, महाकाल लोक (उज्जैन), शारदा नदी के तट पर तैयार होने वाला शारदा कॉरिडोर, वर्ष 2027 में आयोजित होने वाले कुंभ से पहले हरिद्वार में गंगा नदी विकास कार्यों को जल्द पूरा करने की बात कही। इसके साथ ही लोकल फॉर वोकल व मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं के जरिए उत्तराखंड के विकास में तेजी से आगे बढ़ने का भी जिक्र किया।

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