पराली प्रबंधन की चिंता: वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग करेगा एक्शन प्लान की समीक्षा, हॉट स्पॉट का करेगी दाैरा

पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर लुधियाना की तरफ से तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार कुल आठ जिलों को हॉटस्पॉट की सूची में शामिल किया गया है। इनमें बॉर्डर एरिया के दो जिले तरनतारन व फिरोजपुर भी शामिल हैं। पिछली बार फिरोजपुर में 1342 और तरनतारन में पराली जलाने के 876 मामले सामने आए थे।

पंजाब में पराली जलाने के मामलों को रोकने के लिए राज्य सरकार की तरफ से तैयार किए गए एक्शन प्लान की वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग समीक्षा करेगा। आयोग की टीम चेयरमैन राजेश वर्मा की अगुवाई में प्रदेश के दो दिन के दौरे पर आ रही है।

टीम पंजाब सरकार की तरफ से तैयार किए गए एक्शन प्लान की समीक्षा करेगी। साथ ही पराली जलाने के आठ हॉट स्पॉट जिलों का दौरा भी करेगी, जिसमें बॉर्डर एरिया के जिले भी शामिल हैं। कृषि विभाग ने 500 करोड़ रुपये का अपना एक्शन प्लान फाइनल कर लिया है, जिसके अनुसार धान की कटाई के दौरान 10 हजार से अधिक फील्ड अधिकारियों को तैनात किया जाएगा। साथ ही डीसी और एसएसपी खुद जमीनी स्तर पर स्थिति की निगरानी करेंगे। मंडी बोर्ड कंट्रोल रूम स्थापित करेगा, जहां से पूरे एक्शन प्लान को लागू करने के लिए कार्रवाई की निगरानी की जाएगी।

आयोग की टीम वीरवार को चंडीगढ़ में होगी। पहले हरियाणा सरकार के साथ बैठक की जाएगी। बाद में पंजाब के कृषि, पर्यावरण, मंडी बोर्ड, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड समेत अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक होगी। शुक्रवार को टीम विभिन्न हॉट स्पॉट जिलों का दौरा करेगी। इस बार पंजाब में 15 दिन पहले 1 जून से धान की रोपाई शुरू हुई थी, जिस कारण फसल की जल्द कटाई शुरू होने की भी संभावना है। यही कारण है कि आयोग की टीम ने पंजाब व हरियाणा में पराली प्रबंधन की तैयारियां जांचने के लिए दो दिन का दौरा करने का फैसला लिया है। वर्ष 2024 के दौरान पंजाब में पराली जलाने के 10,909 मामले सामने आए थे।

हॉट स्पॉट जिलों में ये शामिल 

पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर लुधियाना की तरफ से तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार कुल आठ जिलों को हॉटस्पॉट की सूची में शामिल किया गया है। इनमें बॉर्डर एरिया के दो जिले तरनतारन व फिरोजपुर भी शामिल हैं। पिछली बार फिरोजपुर में 1342 और तरनतारन में पराली जलाने के 876 मामले सामने आए थे। इसी तरह संगरूर में 1725, बठिंडा में 750, मोगा में 691, बरनाला में 262, मानसा में 618 और फरीदकोट में 551 मामले सामने आए थे। पंजाब में लगभग 31 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती की जाती है, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 195 लाख टन धान की पराली उत्पन्न होती है। इस बार 30.79 लाख हेक्टेयर एरिया में धान की खेती हुई है, जिसमें 23.79 लाख हेक्टेयर नॉन बासमती और 7 लाख हेक्टेयर बासमती शामिल है।

एक्शन प्लान की खास बातें 

  • हर गांव में नोडल अधिकारी तैनात किया जाएगा।
  • कलस्टर अधिकारी, सब डिवीजन तहसील अधिकारी व जिला स्तरीय अधिकारी की भी होगी तैनाती।
  • तीन साल के दौरान जिन गांवों में 75 प्रतिशत पराली जली, हर अधिकारी उसका दौरा करेगा।
  • पराली प्रबंधन के लिए 1,48,451 सीआरएम मशीनें प्रदान की जाएंगी।
  • कोई भी नंबरदार पराली न जलाए, यह राजस्व विभाग सुनिश्चित करेगा।
  • राजस्व विभाग पंचायत के सदस्यों के खिलाफ भी पराली जलाने पर कार्रवाई करेगा।
  • पराली जलाने वाले किसानों पर लगाया हर्जाना वसूलने की कार्रवाई भी राजस्व विभाग करेगा।
  • जिला स्तरीय निगरानी और उपमंडल स्तरीय निगरानी समिति गठित की जाएगी।
  • गृह विभाग का काम होगा कि पराली जलाने के मामले में उचित कार्रवाई की जाए, जिसके लिए पुलिस विभाग की जिम्मेदारी तय की जाएगी।

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