परमाणु ऊर्जा का हब बनने की राह चला भारत, मोदी सरकार ने दिया 1000 करोड़ का बड़ा बजट

आम बजट 2025 में मोदी सरकार ने देश को परमाणु ऊर्जा संपन्न बनाने का पहला कदम आगे रख दिया है। प्रधानमंत्री मोदी कई बार ऐलान कर चुके हैं कि वह देश को परमाणु ऊर्जा का हब बनाना चाहते हैं। इस बजट में परमाणु ऊर्जा के लिए 1000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। भारत ने जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए आम बजट 2025 में परमाणु ऊर्जा के लिए 1000 करोड़ को भारी-भरकम बजट जारी किया है। पीएम मोदी ने जलवायु ऊर्जा परिवर्तन सम्मेलनों में बार-बार भारत को ग्रीन ऊर्जा का हब बनाने का संकल्प जताते रहे हैं। प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षा भारत को परमाणु ऊर्जा संपन्न बनाना भी है। इस दिशा में 2025 के बजट में मोदी सरकार ने अपना पहला कदम रख दिया है। यह बजट देश में नए परमाणु ऊर्जा केंद्र बनाने और पुराने ऊर्जा केंद्रों की क्षमता बढ़ाने के काम आएगा। 

भारत की मौजूदा परमाणु ऊर्जा स्थिति

मौजूदा समय में परमाणु ऊर्जा भारत के लिए विद्युत का 5वां बड़ा स्रोत है। देश भर में कुल 7 विद्युत संयंत्र हैं। जबकि 22 से अधिक नाभिकीय रिएक्टर हैं जो 6780 मेगावाट नाभिकीय ऊर्जा का उत्पादन करते हैं। इसके अलावा जनवरी 2021 में काकरापार नाभिकीय ऊर्जा परियोजना (KAPP-3) को भी ग्रिड से जोड़ दिया गया है। दबावयुक्त भारी जल रिएक्टर (PHWRs) की संख्या 18 है और 4 हल्के जल रिएक्टर (LWRs) हैं। सरकार ने भारत के परमाणु कार्यक्रम को बढ़ाने के लिये सार्वजनिक उपक्रमों के साथ संयुक्त उद्यमों को भी अनुमति दी है। नतीजतन, न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) अब नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (NTPC) और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) के साथ दो संयुक्त उद्यमों पर काम कर रहा है।

5 नए परमाणु बिजली घर बनेंगे

भारत ने परमाणु बिजली घर के लिए 20 हजार करोड़ का बजट दिया है। देश में 5 नए परमाणु बिजली घर बनाने का ऐलान किया गया है। भारत लगातार अपने परमाणु प्रतिष्ठानों का विस्तार कर रहा है। 

भारत का पहला स्वदेशी परमाणु ऊर्जा घर

भारत यूरेनियम-233 का उपयोग कर दुनिया का पहला थोरियम आधारित नाभिकीय संयंत्र, “भवनी”, तमिलनाडु के कलपक्कम में स्थापित कर रहा है। यह सयंत्र पूरी तरह स्वदेशी होगा और अपनी तरह का पहला सयंत्र होगा। कलपक्कम में प्रायोगिक थोरियम संयंत्र “कामिनी” पहले से मौजूद है। 

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