पंजाब लैंड पूलिंग स्कीम: सीएम भगवंत मान का विपक्ष पर पलटवार, ‘जमीन जबरन अधिग्रहित नहीं की जाएगी’

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वे केवल अपने राजनीतिक हितों के लिए इस स्कीम के बारे में तथ्यों को तोड़-मरोड़कर लोगों को गुमराह कर रहे हैं.  लैंड पूलिंग स्कीम को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सोमवार (21 जुलाई) राज्य के लोगों से अपील की कि वे इस महत्वपूर्ण स्कीम के बारे में विपक्षी दलों के भ्रामक प्रचार से सावधान रहें.  

धूरी विधानसभा क्षेत्र के 70 गांवों को विकास कार्यों के लिए 31.30 करोड़ रुपये की ग्रांट बांटने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि वे केवल अपने राजनीतिक हितों के लिए इस स्कीम के बारे में तथ्यों को तोड़-मरोड़कर लोगों को गुमराह कर रहे हैं. 

जमीन जबरन अधिग्रहित नहीं की जाएगी- सीएम मान

उन्होंने स्पष्ट किया कि इस नई और प्रगतिशील लैंड पूलिंग स्कीम के तहत राज्य में जमीन जबरन अधिग्रहित नहीं की जाएगी और इससे राज्य के किसानों को बड़ा लाभ होगा. भगवंत मान ने कहा कि कई मुद्दों पर पंजाबियों की पीठ में छुरा घोंपने वाले ऐसे नेताओं के संदिग्ध चरित्र के बारे में पंजाब के लोग अच्छी तरह जानते हैं.  

मुख्यमंत्री ने कहा, ”इस लैंड पूलिंग स्कीम का उद्देश्य किसानों के लिए स्थायी आय के स्रोत पैदा करके उन्हें राज्य की प्रगति और समृद्धि में सक्रिय भागीदार बनाना है. राज्य में जमीन जबरन अधिग्रहित नहीं की जाएगी और जो किसान सहमति देंगे, केवल उनकी जमीन ही इस नीति के तहत ली जाएगी.” भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस नीति के तहत किसानों को आवासीय और वाणिज्यिक प्लांट मिलेंगे.  

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस लैंड पूलिंग स्कीम के तहत बनने वाली योजनाबद्ध कॉलोनियों में वाणिज्यिक संपत्ति किसानों के लिए आय का स्थायी स्रोत बनेगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की इस नई लैंड पूलिंग स्कीम का उद्देश्य राज्य की समग्र प्रगति को गति देना है. 

युद्ध नशे के विरुद्ध स्कीम

‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ स्कीम को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस स्कीम के तहत राज्य सरकार ने पहले ही नशे की सप्लाई की कमर तोड़ दी है. उन्होंने कहा कि इस घृणित कारोबार में शामिल बड़े मगरमच्छों को सलाखों के पीछे डाला गया है और लोग नाभा जेल जाकर इनका हाल देख सकते हैं. भगवंत सिंह मान ने कहा कि नशे के खिलाफ यह मुहिम तब तक जारी रहेगी, जब तक राज्य से इस खतरे का पूरी तरह सफाया नहीं हो जाता.  

मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र के विकास को गति देने के लिए पंचायतों को मिले धन का उपयोग सोच-समझकर किया जाए. उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने लोगों की भलाई और गांवों के सर्वांगीण विकास के लिए धन जारी करने की कभी परवाह नहीं की. भगवंत सिंह मान ने कहा कि गांवों के विकास को गति देने के लिए राज्य सरकार के पास धन की कोई कमी नहीं है.  

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने पंजाब की पांच नदियों की धरती में भूजल बचाने और दूरदराज के गांवों तक नहरी पानी पहुंचाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया. 

भगवंत सिंह मान ने कहा कि ‘आप’ सरकार ने अपने कार्यकाल की शुरुआत से अब तक राज्य में 15,947 खालों और कस्सियों को पुनर्जनन किया है, जिससे दूर-दराज के टेल क्षेत्रों में पड़ने वाले गांवों तक नहरी पानी पहुंचा है.

मुफ्त बिजली स्कीम का जिक्र

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के लोगों को मुफ्त बिजली मिल रही है और 90 प्रतिशत घरों के बिजली बिल शून्य आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में 881 आम आदमी क्लीनिक खोले गए हैं और अब तक तीन करोड़ से अधिक मरीज अपना इलाज करा चुके हैं. भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसी तरह राज्य सरकार ने पूरी तरह मेरिट के आधार पर 55 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां दी हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में अब तक 18 टोल प्लाजा बंद किए जा चुके हैं, जिससे रोजाना आम लोगों के लगभग 64 लाख रुपये की बचत हो रही है. उन्होंने कहा कि हाइवे पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए पंजाब ने देश में अपनी तरह की पहली ‘सड़क सुरक्षा फोर्स’ शुरू की है और यह गर्व की बात है कि इसके शुरू होने के बाद सड़क हादसों में मृत्यु दर में 48 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है. भगवंत मान ने कहा कि इस फोर्स के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित जवानों को भर्ती किया गया है, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं. फोर्स को आधुनिक सुविधाओं से लैस 144 वाहन उपलब्ध कराए गए हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह फोर्स प्रभावी ढंग से काम कर रही है और कई राज्यों तथा केंद्र सरकार ने भी इस पहल की सराहना की है. एक अन्य बड़ी जनकल्याणकारी पहल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 2 अक्टूबर से देश में अपनी तरह की पहली ‘मुख्यमंत्री सेहत योजना’ शुरू करेगी, जिसके तहत पंजाब के प्रत्येक परिवार को 10 लाख रुपये तक का नकद रहित इलाज उपलब्ध होगा. 

पशुओं पर अत्याचार की रोकथाम (पंजाब संशोधन) बिल, 2025

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस ऐतिहासिक कदम का उद्देश्य राज्य के सभी परिवारों को एकसमान स्वास्थ्य देखभाल सुविधा प्रदान करना है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में भी ऐसे और कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ‘पशुओं पर अत्याचार की रोकथाम (पंजाब संशोधन) बिल, 2025’ पारित किया है ताकि राज्य में होने वाली ग्रामीण खेलों, विशेष रूप से बैलगाड़ी दौड़ और अन्य खेलों को बढ़ावा मिले. 

भगवंत सिंह मान ने कहा कि पशु राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था का अभिन्न अंग हैं और पंजाबी किसान सदियों से पशुओं को अपने बच्चों की तरह पालते आए हैं. पंजाबी हमेशा से बैलगाड़ी दौड़ के प्रति आकर्षित रहे हैं और किला रायपुर में होने वाली बैलगाड़ी दौड़ विश्व प्रसिद्ध है. 

उन्होंने कहा कि यह बिल आने वाले समय में पशुओं को नुकसान पहुंचाए बिना राज्य भर में ऐसी खेलों को और लोकप्रिय बनाने में सहायक होगा. भगवंत सिंह मान ने कहा कि पशुओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और पशुओं पर किसी भी तरह के अत्याचार की अनुमति नहीं होगी.

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