
पंजाब सरकार ने प्रदेश के उद्योगपतियों को बड़ी राहत देते हुए फैक्ट्रियों की भवन योजनाओं की मंजूरी के लिए तीसरे पक्ष प्रमाणन/स्व-प्रमाणन को मंजूरी दे दी है। इस संबंध में निर्णय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उनके सरकारी आवास पर हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। इसके बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि फैक्ट्री अधिनियम-1948 के अनुसार, किसी भी फैक्ट्री के भवन नक्शे को भवन उप-नियमों और फैक्ट्री अधिनियम के अनुसार मंजूरी दी जाती थी। इस प्रक्रिया के कारण मंजूरी में काफी समय, धन और ऊर्जा की बबार्दी होती थी। जब कोई फैक्ट्री म्यूनिसिपल क्षेत्र से बाहर स्थापित होती है, तो श्रम विभाग इन योजनाओं को मंजूरी देता है।
भवनों के नक्शों को इस तरह मिलेगी मंजूरी
इस प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए मंत्रिमंडल ने तीसरे पक्ष प्रमाणन/स्व-प्रमाणन की व्यवस्था को लागू करने की मंजूरी दे दी है, जिसके तहत भवनों के नक्शों को भवन उप-नियमों के अनुसार आर्किटेक्ट द्वारा मंजूरी दी जा सकती है। इन योजनाओं को श्रम विभाग द्वारा इस प्रमाणन के आधार पर और भू-उपयोग/मास्टर प्लान के अनुरूपता की पुन: पुष्टि, ग्राउंड कवरेज, सेटबैक, भवन की समग्र ऊंचाई, उस सड़क की चौड़ाई जिस पर साइट स्थित है, सड़क को चौड़ा करने की अनुमति देने के लिए सहमति/उद्देश्य और पार्किंग के आधार पर आगे मंजूरी दी जाएगी। फैक्ट्री अधिनियम के अनुसार योजनाएं पहले की तरह ही पारित की जाएंगी, लेकिन इस कदम से निवेशकों को सुविधा मिलेगी और योजना को मंजूरी देने का समय 45 दिनों से घटाकर 30 दिन किया जाएगा।