
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने गुरुवार को नई दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा से भेंट की। बैठक के दौरान किशाऊ बांध के वित्तपोषण संबंधी मुद्दे पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने किशाऊ जल विद्युत परियोजना में प्रदेश के अधिकारों और हितों को ध्यान में रखने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार या किशाऊ परियोजना के मुख्य लाभार्थी राज्य दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को इस परियोजना की पूरी लागत वहन करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि रेणुका बांध परियोजना में स्थानीय क्षेत्र विकास निधि और निशुल्क बिजली घटक के मामलों पर विचार किया जाना चाहिए।
परियोजनाओं के महत्व को रेखाकिंत करते हुए उन्होंने कहा कि जल विद्युत परियोजनाएं राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। परियोजनाओं के दृष्टिगत पर्यावरणीय और सामाजिक मूल्यों का भी ध्यान रखते हुए राज्य को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से जल जीवन मिशन के तहत लंबित राशि को शीघ्र जारी करने का आग्रह किया। सीआर पाटिल ने राज्य को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, आवासीय आयुक्त मीरा मोहंती तथा मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर भी उपस्थित रहे।
कैंसर केयर सेंटर के लिए केंद्र का सहयोग मांगा
इसके साथ ही मुख्यमंत्री सुक्खू ने नई दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा से भेंट की। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र को सुदृढ़ बनाने के लिए आवश्यक सहायता के बारे में अवगत करवाया। बैठक के दौरान आयुष्मान भारत, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के क्रियान्वयन और प्रगति व स्वास्थ्य अधोसंरचना के निर्माण पर विस्तृत चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने कैंसर केयर सेंटर के लिए केंद्र से सहयोग तथा राज्य में मरीजों को बेहतर उपचार उपलब्ध करवाने के लिए अस्पतालों में नवीनतम चिकित्सा तकनीक और आधुनिक उपकरणों के लिए आग्रह किया। उन्होंने पहाड़ी राज्यों की कठिन भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए विभिन्न योजनाओं के मानदंडों में ढील देने का भी आग्रह किया तथा लंबित धनराशि जारी करने की मांग की। जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के हितों की रक्षा की जाएगी। उन्होंने राज्य को पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। इस अवसर पर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, आवासीय आयुक्त मीरा मोहंती तथा मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने बीबीएमबी में हिमाचल से स्थायी सदस्य की नियुक्ति का किया अनुरोध
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने नई दिल्ली में केंद्रीय विद्युत मंत्री मनोहर लाल खट्टर से भेंट कर हिमाचल प्रदेश के हितों से जुड़े कई अहम मुद्दे उठाए। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (सीपीएसयू) द्वारा संचालित जलविद्युत परियोजनाओं में राज्य की मुफ्त बिजली हिस्सेदारी बढ़ाने का आग्रह किया, खासकर उन परियोजनाओं में जहां लागत पहले ही वसूल की जा चुकी है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है, लेकिन इसके वाजिब अधिकारों की भी रक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हालांकि सार्वजनिक क्षेत्र और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का जल विद्युत उत्पादन के माध्यम से काफी विस्तार हो चुका है, लेकिन हिमाचल प्रदेश को इसका जायज हक नहीं मिला है। मुख्यमंत्री ने बैरा-स्यूल परियोजना को हिमाचल को सौंपने की लंबे समय से लंबित मांग पर भी चर्चा की, जिसका निर्माण 1980-81 में किया गया था। उन्होंने भाखड़ा ब्यास प्रबन्धन बोर्ड (बीबीएमबी) से बकाया राशि जारी करने का भी अनुरोध किया। साथ ही उन्होंने बीबीएमबी में हिमाचल प्रदेश से एक स्थायी सदस्य नियुक्त करने की आवश्यकता पर बल दिया।
केन्द्रीय विद्युत मंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए सीएम सुक्खू ने सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) की लुहरी, सुन्नी तथा धौलसिद्ध परियोजनाओं के साथ-साथ एनएचपीसी की डुग्गर परियोजना को राज्य को सौंपने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी देने के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं का लागत मूल्यांकन वर्तमान में किया जा रहा है। उन्होंने जाठिया देवी टाउनशिप के विकास के लिए केन्द्रीय निधि की भी मांग की तथा शहरी विकास विभाग के अन्तर्गत चल रही विभिन्न परियोजनाओं पर विचार-विमर्श किया। श्री मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री को केन्द्र से हर सम्भव सहायता का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, प्रधान सचिव (वित्त) देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर तथा आवासीय आयुक्त श्रीमती मीरा मोहंती भी इस अवसर पर उपस्थित थीं।