
नवरात्र के अवसर पर राजधानी में रामलीला मंचन को लेकर इस बार आयोजकों को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होगी. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने ऐलान किया है कि रामलीला से जुड़ी सभी अनुमतियां अब सिंगल विंडो सिस्टम से जिला स्तर पर डीएम के दफ्तर से ही मिलेंगी. जमीन आवंटन से लेकर सभी जरूरी एनओसी तक की प्रक्रिया एक ही जगह पूरी होगी
राजनिवास में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की अध्यक्षता में हुई विशेष बैठक में यह निर्णय लिया गया. बैठक में मुख्यमंत्री, दिल्ली रामलीला महासंघ के पदाधिकारी और सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार रामलीला का मंचन 22 सितंबर से 2 अक्टूबर तक होगा. दिल्ली में करीब 600 रामलीलाएं आयोजित होती हैं, जिनमें से 100 बड़े स्तर पर भव्य तरीके से होती हैं. अब भूमि की सिक्योरिटी राशि 20 रुपये प्रति वर्गमीटर से घटाकर 15 रुपये कर दी गई है. मनोरंजन स्थलों का क्षेत्रफल भी बढ़ाकर कुल जमीन का 40% कर दिया गया है
विवाद निपटारे के लिए समिति
आयोजन के दौरान झूले, स्टॉल और अन्य व्यवस्थाओं से जुड़े विवादों के निपटारे के लिए डीडीए के उप-निदेशक और दिल्ली रामलीला महासंघ के दो पदाधिकारियों की एक विशेष समिति बनाई गई है. जरूरत पड़ने पर यह समिति अन्य विभागों से समन्वय कर तुरंत समाधान निकालेगी
एंबुलेंस सुविधा भी उपलब्ध
आयोजकों की मांग पर सरकार रामलीला स्थलों पर एंबुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध कराएगी. मुख्यमंत्री ने कहा, भगवान श्रीराम सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक विरासत के संवाहक हैं. सरकार का यह कदम परंपरा के संरक्षण और सामाजिक एकता को मजबूत करेगा