
फर्जी दस्तावेज बनाकर पेंशन समेत सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने वालों की दाल अब दिल्ली में गलना जल्द ही बंद होने वाली है। रेखा गुप्ता सरकार ने सोमवार को इस संबंध में बड़ा आदेश जारी कर दिया है। मुख्यमंत्री ने गरीब, विकलांग और बुजुर्गों के लिए बनी योजनाओं की समीक्षा करने का आदेश दिया है। उन्होंने दो टूक कह दिया है कि जो लोग सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए योग्य नहीं हैं, उनके नाम काट दिए जाएंगे।
इसके अलावा दिव्यांगजनों को डिजिटल आईडी कार्ड देने की प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू की जाएगी। मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा कि उनकी सरकार एक मजबूत और संवेदनशील सहायता प्रणाली बनाना चाहती है। वे यह सुनिश्चित करेंगे कि जरूरतमंद लोगों को मदद मिले और सरकारी पैसे का सही इस्तेमाल हो। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने विकलांगों और गरीबों को धोखा दिया था, लेकिन उनकी सरकार ऐसा नहीं होने देगी।
सीएम ने बुलाई बैठक
सीएम के नेतृत्व वाली बैठक में समाज कल्याण विभाग और अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। बैठक में आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े समुदायों के लिए चल रही योजनाओं पर ध्यान दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सिर्फ पैसे ही नहीं दे रही है, बल्कि पुनर्वास, कौशल विकास, शिक्षा और अन्य जरूरी सेवाएं भी दे रही है। ‘वित्तीय सहायता योजना’ के तहत 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को हर महीने 2,000 से 2,500 रुपये मिलते हैं। खासकर SC/ST समुदाय या आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को यह मदद मिलती है। अब तक चार लाख से ज्यादा बुजुर्गों को इस योजना से फायदा हुआ है। ‘विकलांग व्यक्तियों को सहायता’ योजना के तहत गंभीर रूप से विकलांग लोगों को हर महीने 2,500 रुपये मिलते हैं। लगभग 1.34 लाख लोगों को यह सहायता मिली है।
परिवार के मुखिया के निधन पर आर्थिक मदद
‘दिल्ली परिवार लाभ योजना’ (DFBS) के तहत परिवार के मुख्य सदस्य की मृत्यु होने पर परिवार को 20,000 रुपये की एकमुश्त सहायता मिलती है। लगभग 1,100 परिवारों को इस योजना से मदद मिली है। ‘स्माइल’ (SMILE) योजना भिखारियों के पुनर्वास पर ध्यान केंद्रित करती है। सीएम रेखा गुप्ता ने साफ कहा है कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति छूटे नहीं और सार्वजनिक धन का जिम्मेदारी से उपयोग हो। उन्होंने यह भी कहा कि पिछली सरकार ने विकलांगों और गरीबों को धोखा दिया, लेकिन उनकी सरकार ऐसा नहीं होने देगी।