दिल्ली के विधानसभा चुनाव में भाजपा और आम आदमी पार्टी ने कई पूर्व कांग्रेसी नेताओं को टिकट दिया है। ऐसे में कुछ सीटें ऐसी भी हैं, जहां मामला उलझता हुआ नजर आ रहा है। आइये इन सीटों के बारे में जानते हैं…
राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनावों का ऐलान हो चुका है। दिल्ली में कभी लगातार 15 सालों तक कांग्रेस पार्टी की सरकार रही, लेकिन आज कांग्रेस की चर्चा काफी कम हो गई है। दिल्ली चुनाव में सीधा मुकाबला आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच माना जा रहा है। हालांकि कांग्रेस भी इस बार चुनाव में काफी असर डाल सकती है। इस बार कांग्रेस पार्टी की चर्चा भले ही कम हुई है, लेकिन भाजपा और आप के कई प्रत्याशी ऐसे हैं, जो कभी कांग्रेस के जाने-माने चेहरे रह चुके हैं। ऐसे में यह भी कहा जा सकता है कि इन सीटों पर कांग्रेस का असर जरूर देखने को मिलेगा।
गांधीनगर विधानसभा सीट
इनमें से एक दिल्ली की गांधीनगर विधानसभा सीट की बात करें तो यहां भाजपा ने कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और शीला सरकार में मंत्री रहे अरविंदर सिंह लवली को अपना प्रत्याशी बनाया है। अरविंदर सिंह लवली पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हुए थे। वहीं इस सीट पर आम आदमी पार्टी की तरफ से नवीन कुमार दीपू चुनाव लड़ रहे हैं, जो कुछ साल पहले तक कांग्रेसी थे। 2020 के चुनाव में नवीन कुमार दीपू कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे। वहीं कांग्रेस की तरफ से इस सीट पर कमल अरोड़ा उम्मीदवार हैं।
सीलमपुर विधानसभा सीट
वहीं सीलमपुर विधानसभा सीट की बात करें तो भाजपा ने अनिल कुमार शर्मा (गौड) को अपना प्रत्याशी बनाया है, जो 2017 से पहले तक पक्के कांग्रेसी थे। उन्होंने 2012 में निगम का चुनाव कांग्रेस से ही लड़ेृा था। 2017 में उनकी पत्नी कांग्रेस से ही निगम चुनाव में प्रत्याशी थीं। दोनों चुनाव में हार के बाद वह भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले घर वापसी भी की, लेकिन कुछ महीने बाद ही वापस भाजपा में आ गए। इसके बाद वह 2022 में मौजपुर से पार्षद बने। इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने चौधरी जुबेर को टिकट दिया है, जो करीब तीन महीने पहले तक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष थे। उनके पिता चौधरी मतीन अहमद भी कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार हुआ करते थे। वहीं कांग्रेस ने यहां पर आम पार्टी के मौजूदा विधायक अब्दुल रहमान प्रत्याशी को टिकट दिया है। आप से टिकट कटने के बाद अब्दुल रहमान कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
सीमापुरी विधानसभा सीट
इसके अलावा सीमापुरी सीट से भी ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां भाजपा ने रिंकू को चुनावी मैदान में उतारा है। रिंकू ढाई वर्ष पहले तक कांग्रेसी थीं। वह कांग्रेस से दो बार पार्षद रह चुकी हैं। 2022 के निगम चुनाव से पहले वह भाजपा में आ गईं थीं। हालांकि भाजपा से चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस बार वह भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं। वहीं आम आदमी पार्टी से दम भरे रहे वीर सिंह धिंगान भी कुछ महीने पहले तक कांग्रेस पार्टी में रहे हैं। वीर सिंह धिंगान 1998 से 2013 तक विधायक रहे। इसके बाद के तीन चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वहीं इस बार चुनाव की घोषणा से पहले ही वह आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। हालांकि कांग्रेस ने इस बार यहां से राजेश लिलोठिया को मैदान में उतारा है।