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इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लिया था. इस दौरान उन्होंने PM मोदी से भी मुलाकात की थी. 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो चीफ गेस्ट के रूप में ही शामिल हुए थे. इस दौरान भारत और इंडोनेशिया के बीच रिश्ते और ज्यादा मजबूत हो गए हैं. अपने भारत दौरे के दौरान उन्होंने चीन की बढ़ती सैन्य ताकत को लेकर भी बड़ा बयान दिया. दक्षिण चीन सागर लगातार अपना प्रभाव बढ़ा रहा है. चीन की बढ़ती सैन्य ताकत को लेकर को लेकर कई देश चिंता जता चुके हैं.
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने कही ये बात
दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती सैन्य ताकत के बीच इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुबियांतो ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप एक पूर्ण और प्रभावी आचार संहिता (कोड ऑफ कंडक्ट) को लेकर अपनी बात रखी. पीएम मोदी से हुई मुलाकात के दौरान इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने दक्षिण चीन सागर की स्थिति पर चर्चा की.
इस बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया था कि दोनों पक्षों ने सूचना संलयन केंद्र- हिंद महासागर क्षेत्र (IFC-IOR) में इंडोनेशिया से एक संपर्क अधिकारी को तैनात करने पर सहमति जताई है. इस दौरान दोनों देशों ने बिना किसी रोक-टोक समुद्र के जरिए होने-वाले कारोबार और 1982 के यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन ऑन द लॉ ऑफ द सी (UNCLOS) सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार विवादों के शांतिपूर्ण समाधान को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया था. जानें क्यों है इतना ख़ास दक्षिण चीन सागर
ये प्रशांत महासागर के पश्चिमी किनारे से सटा हुआ है. ये एशियाई मेनलैंड के दक्षिण-पूर्व में पड़ता है. इसका दक्षिणी हिस्सा चीन से मिलता है. वहीं, ताइवान दूसरी ओर दक्षिण-पूर्वी भाग पर पर अपनी दावेदारी पेश करता है. इसके अलावा सागर का पूर्वी तट वियतनाम और कंबोडिया से जुड़ा है.उत्तरी इलाके में इंडोनेशिया है.
कई देशों से जुड़ा होने की वजह से ये दुनिया के कुछ सबसे ज्यादा व्यस्त जलमार्गों में से एक है. यूनाइटेड नेशन्स कॉन्फ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट के अनुमान के अनुसार, दुनिया का 21 फीसदी व्यापर इसी रास्ते से होता है. ये आंकड़ा 2016 का है. ऐसे में अब ये और ज्यादा बढ़ गया होगा.