ट्रंप टैरिफ से भारत की हो सकती है बल्ले-बल्ले, मार्केट के इन बड़े एक्सपर्ट्स ने कर दी भविष्यवाणी

पिछले हफ्ते डिक्सन के नतीजे आने के बाद कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अतुल लाल ने कहा कि कंपनी अपने  पहले से बुक किए गए बढ़े ऑर्डर को पूरा करने के लिए ही अपनी कैपेसिटी का करीब 50 प्रतिशत तक विस्तार करने जा रही है. ट्रंप के टैरिफ से किस तरह भारत मालामाल हो सकता है, इस बारे में कई बड़े मार्केट के एक्सपर्ट्स ने भविष्यवाणी कर दी है. इनका मानना है कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर जो बातचीत चल रही है, उस पर मुहर लगने के बाद घरेलू स्तर पर व्यवसाय को काफी प्रोत्साहन मिलने वाला है. ब्लू स्टार, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, अरविंद और डिक्सन टेक्नोलॉजिज समेत कई कंपनियों के सीईओ का मानना है कि ट्रंप के टैरिफ के बावजूद भारतीय व्यवसाय काफी प्रतिस्पर्धात्मक रहने वाला है.

जबरदस्त बढ़ेगा निर्यात

पिछले हफ्ते डिक्सन के नतीजे आने के बाद कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अतुल लाल ने कहा कि कंपनी अपने पहले से बुक किए गए बढ़े ऑर्डर को पूरा करने के लिए ही अपनी कैपेसिटी का करीब 50 प्रतिशत तक विस्तार करने जा रही है. इसका एक बड़ा हिस्सा नॉर्थ अमेरिका को एक्सपोर्ट किया जाएगा. हालांकि, उन्होंने किसी भी कंपनी या फिर ब्रांड का नाम नहीं लिया है. ऐसा माना जा रहा है कि इस कंपनी का मुख्य ग्राहक मोटोरोला है, जो अमेरिका में हैंडसेट को एक्सपोर्ट करता है. साथ ही, अमेरिकी ब्रांड गूगल का पिक्सल भी है.

इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में पिछले महीने ये बताया गया था कि भारत से गूगल अपने हैंडसेट का अमेरिका में आयात करना चाहता है. हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से जिस तरह का एपल और सैमसंग पर प्रेशर डालकर अमेरिका में प्रोडक्शन करने के लिए कहा जा रहा है या फिर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का डर दिखाया जा रहा है. इन सबके बीच एक्सपर्ट्स का मानना है कि अतिरिक्त टैरिफ लगाने के बावजूद भी भारत से आयात करना उन्हें ज्यादा सस्ता होगा.

भारत की तरफ बढ़ रहा खिंचाव

कुछ इसी तरह से अपैरल कंपनी अरविंद और गोकलदास एक्सपोर्ट्स ने बाजार के प्रति आशावादी नजरिया रखा है. अरविंद के वाइस प्रसिडेंट पुनीत लालाभाई का कहना है कि कंपनी अपने कई अमेरिकी कस्टमर्स से वॉल्यूम ऑर्डर में भारी उछाल दे रही है. जबकि, एफएमसीजी लीडर में से एक टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के CEO अनिल डिसूजा ने चूंकि अमेरिका में चाय, कॉफी जैसे प्रोडक्टस नहीं होते हैं, इसलिए प्रतिस्पर्धी के लिहाज से वे बाकियों के पीछे नहीं बल्कि बराबरी पर रहेंगे. जबकि हैवेल्ड ने मेड इन इंडिया की पहले खेप हाल में ही अमेरिकी भेजी है और कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते से भारत को अच्छा खासा फायदा होने वाला है.


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