
झालावाड़ स्कूल हादसे में सात बच्चों की मौत के बाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए चार दिन में रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने इस संबंध में सरकार से जवाब तलब भी किया है।
राजस्थान हाईकोर्ट ने झालावाड़ में स्कूल बिल्डिंग गिरने से हुई सात बच्चों की मौत के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार, राज्य सरकार और राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग से जवाब मांगा है। अदालत ने इस संबंध में चार दिन में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
जिले में स्कूल बिल्डिंग ढहने से सात मासूम बच्चों की मौत के बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए गंभीर रुख अपनाया है। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार के साथ-साथ राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को नोटिस जारी कर 14 बिंदुओं पर जवाब मांगा है। अदालत ने चार दिन के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसे एक स्पेशल बेंच को रैफर किया। हाईकोर्ट ने इस मामले को अर्जेंट मानते हुए 22 अगस्त को अगली सुनवाई तय की है।
अदालत ने सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा है कि झालावाड़ की घटना क्यों हुई और इसके लिए जिम्मेदार कौन है? दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है? पहले से बने सुरक्षा नियमों का पालन क्यों नहीं हो रहा है? भविष्य में ऐसी घटनाओं से बच्चों की जान बचाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं? सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की ओर से अधिवक्ता वागीश कुमार सिंह पेश हुए। उन्होंने कहा कि अदालत को झालावाड़ के अलावा जैसलमेर, उदयपुर और बूंदी में हुए अन्य स्कूल हादसों की जानकारी भी दी जाएगी।
हाईकोर्ट ने सुझाव दिया है कि हर जिले में एक कमेटी गठित कर स्कूल बिल्डिंग्स की नियमित मॉनिटरिंग की जाए ताकि इस तरह की दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके। अदालत 22 अगस्त को मामले में सख्त दिशा-निर्देश जारी कर सकती है।