
राजस्थान के झालावाड़ जिले में स्कूल भवन गिरने से हुए दर्दनाक हादसे के बाद राजस्थान सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सात बच्चों की मौत के बाद अब सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अगली सूचना तक शिक्षा विभाग के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को अवकाश नहीं मिलेगा। साथ ही सभी स्कूल भवनों की सुरक्षा जांच शुरू कर दी गई है।
जानिए क्या है राजस्थान शिक्षा विभाग का आदेश
रविवार को प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने आदेश जारी किया कि बिना पूर्व अनुमति कोई भी अधिकारी या कर्मचारी मुख्यालय नहीं छोड़ सकता। आदेश में साफ कहा गया कि छात्रों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसी को ध्यान में रखते हुए स्कूल भवनों का गहन निरीक्षण आवश्यक है।
डिजिटल तरीके से होगी अब स्कूलों की निगरानी
शिक्षा विभाग के सचिव कृष्ण कुणाल ने सभी जिलों के PEEO (प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी) को निर्देश दिया है कि वे 30 जुलाई तक हर स्कूल की कक्षा का फिजिकल सर्वे करें और रिपोर्ट भेजें। इसके लिए जल्द ही एक जीआईएस टैगिंग आधारित ऐप लॉन्च किया जाएगा जिससे जर्जर भवनों की निगरानी डिजिटल तरीके से हो सकेगी।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने उठाया बड़ा कदम
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने रविवार को उच्च अधिकारियों के साथ बैठक कर सभी जरूरी कदमों की समीक्षा की। निर्णय लिया गया है कि जिन विद्यालय भवनों की स्थिति खतरनाक पाई जाएगी, उन पर तुरंत लाल निशान लगाकर उन्हें बंद कर दिया जाएगा। जरूरत पड़ने पर वहां अस्थायी कंटेनर कक्षाएं चलाई जाएंगी ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो।
राजस्थान के सभी जर्जर स्कूल भवन होंगे ध्वस्त
सरकार ने तय किया है कि जर्जर स्कूल भवनों को प्राथमिकता से ध्वस्त किया जाएगा। साथ ही नए भवनों की योजना पर भी तेजी से काम शुरू होगा। इस पूरे मामले ने शिक्षा विभाग की लापरवाही पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लेकिन अब सरकार की सख्ती से उम्मीद की जा रही है कि स्कूलों में सुरक्षा को लेकर नई शुरुआत है।