झारखंड: सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का जरूरतमंद बच्चे उठा रहे समान लाभ

अजलि सिंह रांची के सरकारी स्कूल में पढ़ती हैं। उन्हें अच्छी अंग्रेजी बोलनी आती है। इतना ही नहीं, उन्हें राज्य के किसी भी निजी संस्थानों के बराबर अपने स्कूल में विज्ञान प्रयोगशालाओं और डिजिटल शिक्षण उपकरणों जैसी आधुनिक सुविधाओं का आनंद मिलता है।

झारखंड में आगामी कुछ ही दिनों में विधानसभा चुनाव का एलान हो सकता है। इसे लेकर तमाम राजनीतिक दलों की तरफ से अपनी-अपनी तैयारियां की जा रही हैं। इस बीच, राज्य में सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बच्चों की शिक्षा पर खासा ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने हाल ही में राज्य में मॉडल स्कूलों की संख्या वर्तमान 80 से बढ़कर 5,000 करने रा एलान किया था, ताकि गरीब बच्चे निजी स्कूलों के छात्रों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकें।

अजलि सिंह रांची के सरकारी स्कूल में पढ़ती हैं। उन्हें अच्छी अंग्रेजी बोलनी आती है। इतना ही नहीं, उन्हें राज्य के किसी भी निजी संस्थानों के बराबर अपने स्कूल में विज्ञान प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों और डिजिटल शिक्षण उपकरणों जैसी आधुनिक सुविधाओं का आनंद मिलता है।

इस छात्रा के साथ ही अन्य हजारों छात्र ज्यादातर गरीब पृष्ठभूमि से सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में समान लाभ उठा रहे हैं, जिसे झारखंड सरकार द्वारा शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य राज्य के हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ सशक्त बनाना है।

बरियातू के सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की छात्रा सिंह ने कहा, ‘मुझे यह स्कूल इसलिए पसंद है क्योंकि इसमें कई आधुनिक सुविधाएं हैं जैसे कक्षा में स्मार्ट बोर्ड, खेलने के लिए कई गेम, भौतिकी, जैव और रसायन विज्ञान प्रयोगशालाएं जो हमारे लिए बहुत उपयोगी हैं।’

24 जिलों में स्कूल खोलेगा श्रम विभाग- सोरेन
सीएम हेमंत सोरेन ने 30 सितंबर को कहा था कि राज्य का श्रम विभाग अगले साल से 24 जिलों में गरीब बच्चों के लिए स्कूल खोलने का काम शुरू करेगा। धनबाद जिले में एक सरकारी समारोह को संबोधित करते हुए सीएम सोरेन ने यह भी कहा कि झारखंड में मॉडल स्कूलों की संख्या वर्तमान 80 से बढ़कर 5,000 हो जाएगी, ताकि गरीब बच्चे निजी स्कूलों के छात्रों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकें।

सीएम ने 36,996 युवाओं को दिए थे ऑफर लेटर
इस कार्यक्रम में, मुख्यमंत्री ने लगभग 36,996 युवाओं को ऑफर लेटर वितरित किए थे, जिन्हें कई राष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियों में भर्ती किया गया था। सीएम सोरेन ने कौशल अधिग्रहण के लिए ब्लॉक-स्तरीय संस्थानों के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवाओं के खातों में यात्रा और बेरोजगारी भत्ता भी ट्रांसफर किया था। इसके अलावा, सीएम ने धनबाद जिले के लिए लगभग 178.12 करोड़ रुपये की 217 परियोजनाओं का अनावरण किया था।

‘अगले साल से इस परियोजना पर शुरू होगा काम’
सोरेन ने कहा था युवा श्रम विभाग के माध्यम से रोजगार पाने से पहले कई स्कूलों में अपनी शिक्षा प्राप्त करते हैं। लेकिन, अब 24 जिलों में ‘श्रम आवासीय विद्यालय’ (विभाग के आवासीय विद्यालय) खोले जाएंगे। सीएम ने आगे कहा था कि गरीब बच्चों को वहां मुफ्त में पढ़ने का मौका मिलेगा। हम अगले साल से इस परियोजना पर काम शुरू करेंगे।

वहीं नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले युवाओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा था, आप सभी को श्रम विभाग के सरकारी प्रशिक्षण केंद्रों में प्रशिक्षित किया गया है और आपको अपने कौशल के अनुसार नौकरी मिली है। लेकिन, आपकी दौड़ यहीं नहीं रुकनी चाहिए। आप अपना भविष्य और उज्ज्वल कर सकते हैं। यह आप पर और आपके लक्ष्यों पर निर्भर करता है।

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