
पीएम मोदी ने मार्सिले पहुंचकर भारत के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े इतिहास को याद किया. इस दौरान उन्होंने वीर सावरकर को श्रद्धांजलि दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ मार्सिले शहर पहुंच गए हैं. यहां पहुंचकर पीएम मोदी ने स्वतंत्रता सेनानी वीडी सावरकर को श्रद्धांजलि अर्पित की और इस शहर के भारत के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े महत्वपूर्ण इतिहास को याद किया. इसी शहर में वीर सावरकर ने अंग्रेजों की कैद से भागने का साहसी प्रयास किया था.
पीएम मोदी ने मंगलवार की रात मार्सिले पहुंचने के बाद X पर एक पोस्ट कर कहा था, “मार्सिले में पहुंच गया हूं. भारत की आजादी में यह शहर विशेष महत्व रखता है. यहीं पर महान वीर सावरकर ने भागने का साहसी प्रयास किया था. मैं मार्सिले के लोगों और उस समय के फ्रांसीसी एक्टिविस्ट्स को भी धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने मांग की कि उन्हें ब्रिटिश हिरासत में न सौंपा जाए. वीर सावरकर की बहादुरी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी!” प्रधानमंत्री मोदी ने देर रात बताया था कि वह राष्ट्रपति मैक्रों के साथ मार्सिले पहुंच गए हैं. उन्होंने X पर लिखा, “राष्ट्रपति मैक्रों और मैं थोड़ी देर पहले मार्सिले पहुंचे. इस यात्रा में भारत-फ्रांस को और जोड़ने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण कार्यक्रम होंगे. जिस भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन किया जा रहा है, वह लोगों के बीच संबंधों को और गहरा करेगा. मैं प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को भी श्रद्धांजलि अर्पित करूंगा.”
क्या है मार्सिले और सावरकर से जुड़ा इतिहास?
भारत पर अंग्रजों पर शासन था, उस समय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विनायक दामोदर सावरकर को कैदी बनाकर ब्रिटिश जहाज मोरिया से भारत लाया जा रहा था. 8 जुलाई, 1910 को सावरकर ने फ्रांस के मार्सिले शहर में अंग्रेजों की कैद से भागने का प्रयास करते हुए जहाज से समंदर में छलांग लगा दी और तैरकर पार हो गए, लेकिन फ्रांस के अधिकारियों ने उन्हें पकड़ लिया और बाद में अंग्रेज अधिकारियों को सौंप दिया. जब सावरकर को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की सेलुलर जेल में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई तो इससे बड़ा कूटनीतिक विवाद हो गया था.
पीएम मोदी आज क्या करेंगे?
प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ मार्सिले में भारत के नए महावाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करेंगे. इसके बाद वह प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देने मजारगुएस वॉर कब्रिस्तान जाएंगे.