‘जल का कोई विकल्प नहीं, प्रदेश का लगभग 72 प्रतिशत भाग अतिदोहित श्रेणी में’… CM भजनलाल शर्मा बोले

वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान के तहत आज सीएम भजनलाल शर्मा अजमेर व पुष्कर दौरे पर रहे। उन्होंने कहा कि जल का कोई विकल्प नहीं और बिना जन भागीदारी के अभियान सफल नहीं होते।

वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान के तहत सोमवार को सीएम भजनलाल शर्मा ने अजमेर में विभिन्न विकास कार्यों का लोकापर्ण व शिलान्यास किया। इसे बाद वे पुष्कर गए जहां उन्होंने ब्रम्हा मंदिर में पूजा अर्चना भी की। उन्होंने कहा कि तीर्थराज पुष्कर की इस पावन धरा पर पूरी दुनिया से पर्यटक आते हैं। यहां स्थित ब्रह्मा जी का मंदिर और सावित्री माता का मंदिर विश्वभर में प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान की शुरूआत गंगा दशहरा के अवसर पर की गई। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पृथ्वी पर गंगा मां का अवतरण हुआ था तथा सभी जलाशयों में स्वयं गंगा मां अवतरित होती हैं। प्राचीन ग्रंथों में भी मां गंगा को पुण्य सलिला, मोक्ष प्रदायिनी एवं महानदी कहा गया है। 

अभियान से जल संरक्षण में आएगी एक नई क्रांति 
शर्मा ने कहा कि राजस्थान में कम सतही जल के कारण भूजल पर दबाव बढ़ता जा रहा है। भूजल पर अत्यधिक निर्भरता के कारण प्रदेश का लगभग 72 प्रतिशत भाग अतिदोहित श्रेणी में आ गया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में जल संरक्षण की परंपराएं सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न हिस्सा रही हैं। बावड़ियां, जोहड़, तालाब, और कुंए जैसी संरचनाएं राजस्थान की जल संरक्षण परंपराओं का जीवंत उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के तहत जल संचय संरचनाओं का निर्माण, जल स्रोतों की साफ-सफाई, परंपरागत जलाशयों के स्वरूप को पुनः बहाल करना और जल संरक्षण के लिए जन जागरूकता से जुड़ी गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस अभियान से जल संरक्षण अब एक जन आंदोलन बन रहा है। यह अभियान निश्चित तौर पर प्रदेश में जल संरक्षण में एक नई क्रांति लाएगा।

राजस्थान को पानी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना हमारा लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने राजस्थान की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को समझते हुए डेढ साल में पानी की निर्बाध आपूर्ति के लिए लगातार निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि रामजल सेतु लिंक परियोजना से प्रदेश के 17 जिलों के लोगों को पेयजल मिलेगा और लगभग 4.74 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। इसी तरह, शेखावाटी अंचल में यमुना जल समझौता से क्षेत्र के लोगों को पानी की निर्बाध आपूर्ति मिलेगी। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी नहर, देवास परियोजना, माही बांध, सोम-कमला-अंबा सहित विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से राज्य में जल संचयन तथा पानी की उपलब्धता को बढ़ावा दिया जा रहा है। हम पानी के क्षेत्र में राजस्थान को आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं।

45 हजार जल संरक्षण संरचनाओं का होगा निर्माण
शर्मा ने कहा कि राज्य में अगले चार साल में लगभग 45 हजार जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने वित्त वर्ष 2025-2026 में प्रत्येक जिले में कम से कम 125 जल संरक्षण संरचनाओं सहित करीब पांच हजार संरचनाओं के निर्माण का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के एक पेड़ मां के नाम अभियान से प्रेरणा लेकर हमने पिछले वर्ष 7 करोड़ से अधिक पौधे लगाए हैं। इस वर्षाकाल में हम 10 करोड़ पौधे लगाने जा रहे हैं।

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