
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और रायबरेली से सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र है। पत्र में उन्होंने सरकार से जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए संसद के मानसून सत्र में कानून लाने का आग्रह किया। उन्होंने सरकार से लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने के लिए कानून लाने की भी मांग की।
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सरकार से जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का आग्रह किया। उन्होंने लिखा, ‘हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह संसद के आगामी मानसून सत्र में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए विधेयक लाए। इसके अलावा हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने के लिए भी विधेयक लाए।’
उन्होंने पत्र में लिखा, ‘माननीय प्रधानमंत्री जी, पिछले पांच वर्षों से जम्मू-कश्मीर के लोग पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग कर रहे हैं। यह मांग जायज होने के साथ-साथ उनका संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकार भी है। यह समझना जरूरी है कि जहां अतीत में केंद्र शासित प्रदेशों को राज्य का दर्जा दिए जाने के उदाहरण रहे हैं, वहीं जम्मू-कश्मीर का मामला आजाद भारत में बेमिसाल है। यह पहली बार है जब किसी पूर्ण राज्य को उसके विभाजन के बाद केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया है।’
पत्र में आगे लिखा गया, ‘आपने स्वयं कई मौकों पर राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है। 19 मई 2024 को भुवनेश्वर में दिए अपने साक्षात्कार में आपने कहा था कि राज्य का दर्जा बहाल करना हमारा वादा है। हम इस पर कायम हैं। 19 सितंबर 2024 को श्रीनगर में एक रैली को संबोधित करते हुए आपने फिर से दोहराया था कि हमने संसद में कहा है कि हम इस क्षेत्र का राज्य का दर्जा बहाल करेंगे। इसके अलावा केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के सामने भी इसी तरह का आश्वासन दिया, जिसमें कहा गया कि राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाएगा।
राहुल और खरगे ने पत्र में लिखा, ‘हम सरकार से अपील करते हैं कि वह संसद के आगामी मानसून सत्र में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए एक विधेयक पेश करे। इसके अलावा हम सरकार से मांग करते हैं कि वह केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने के लिए एक विधेयक भी लाए। यह लद्दाख के लोगों की सांस्कृतिक, विकासात्मक और राजनीतिक आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इसके साथ ही यह उनके अधिकारों, भूमि और पहचान की रक्षा भी करेगा।’