
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में महानदी भवन में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं. मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ आबकारी नीति वित्तीय वर्ष 2025-26 का अनुमोदन किया गया है. वर्ष 2025-26 की आबकारी नीति साल 2024-25 की तरह ही होगी
कैबिनेट के महत्वपूर्ण निर्णय
– विदेशी मदिरा फुटकर दुकानों पर 9.5 प्रतिशत की दर से लगने वाला अतिरिक्त आबकारी शुल्क समाप्त होगा. राज्य में शराब दुकानों की संख्या स्थिर रखी जाएगी और 674 शराब दुकानें पहले की तरह संचालित होंगी. इसके अलावा, विदेशी शराब पर 9.5 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क समाप्त कर दिया गया है, जबकि देशी शराब की आपूर्ति के लिए मौजूदा दरें लागू रहेंगी. शराब के थोक खरीद और वितरण का कार्य छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेजेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा किया जाएगा
– इस फैसले से विदेशी शराब की खुदरा कीमतें, विशेष रूप से मध्यम और उच्च कैटेगरी में कम हो जाएंगी. इससे दूसरे राज्यों से इस तरह की शराब की तस्करी पर अंकुश लगेगा. इस अतिरिक्त शुल्क को हटाने से विदेशी शराब की विभिन्न श्रेणियों की खुदरा कीमतों में लगभग 40 से 3,000 प्रति बोतल की कमी आने की उम्मीद है
– मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ लोक परिसर (बेदखली) (संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया है
– रजिस्ट्रीकरण अधिनियम-1908 (छत्तीसगढ़ संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया है
– मंत्रिपरिषद द्वारा ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के हित को देखते हुए ई-प्रोक्योरमेंट के लिए गठित सशक्त समिति को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है. अभी पीएफआईसी 100 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं को मंजूरी देती है और बड़ी आईटी परियोजनाओं को पहले से ही एक अधिकार प्राप्त समिति से अनुमोदन की आवश्यकता होती है
– बड़ी आईटी परियोजनाओं के संबंध में पहले से सशक्त समिति अनुमोदन की अनिवार्यता होने से अनुमोदन प्रक्रिया का डुप्लिकेशन होता है. इस कारण सशक्त समिति को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है
– छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में लंबित प्रकरणों के त्वरित निराकरण और उपभोक्ता मामलों की समयबद्ध सुनवाई के लिए सदस्य का एक नवीन पद सृजित करने का निर्णय लिया गया है
– खरीफ विपणन वर्ष 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 के समर्थन मूल्य योजना में धान एवं चावल परिवहन की दर के लिए गठित राज्य स्तरीय समिति की अनुशंसा दर को स्वीकृत करने का निर्णय लिया गया है
– छत्तीसगढ़ श्रम विधियां संशोधन एवं विविध प्रकीर्ण उपबंध विधेयक-2025 के माध्यम से कारखाना अधिनियम-1948, औद्योगिक विवाद अधिनियम-1947 तथा ट्रेड यूनियन अधिनियम-1976 में संशोधन के प्रारूप का अनुमोदन किया गया है
– रजिस्ट्री ऑफिसों के नियमित रूप से संचालन के लिए वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग में उप पंजीयक के पदोन्नति श्रेणी के रिक्त 9 पदों की पूर्ति के लिए पांच वर्ष की अर्हकारी सेवा में एक बार के लिए छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया है
– छत्तीसगढ़ सरकार एवं व्यक्ति विकास केन्द्र इंडिया (द आर्ट ऑफ लिविंग) के मध्य आजीविका सृजन एवं ग्रामीण छत्तीसगढ़ का कल्याण विषयक एमओयू के लिए राज्य सरकार के सुशासन एवं अभिसरण विभाग को अधिकृत किया गया है
– राज्य में 01 नवम्बर 2024 से औद्योगिक विकास नीति 2024-30 प्रभावशील है. इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ शासन भण्डार क्रय नियम-2002 में प्रस्तावित संशोधन के प्रारूप का अनुमोदन किया गया है