क्या राजनीति में भी निभते हैं रक्षाबंधन जैसे रिश्ते? CM और Deputy CM का भावुक क्षण बना मिसाल

जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में इस बार रक्षाबंधन कुछ अलग था। ना सिर्फ यह एक धार्मिक पर्व रहा, बल्कि एक ऐसा भावुक पल भी बना, जिसने राजनीति को इंसानियत से जोड़ दिया। उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने जब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को राखी (CM Bhajanlal Sharma Rakhi) बांधी, तो पूरा माहौल तालियों से गूंज उठा। उन्होंने खुले मंच पर कहा-“भजनलाल जी मेरे बड़े भाई हैं, जो हमेशा बहनों की चिंता करते हैं।” इस एक पल ने सत्ता के गलियारों में रिश्तों की मिठास घोल दी। दिया कुमारी (Diya Kumari Brother Bond) को सीएम शर्मा ने तोहफे में एक नारियल और लिफाफा भेंट किया।

क्या इस राखी में छिपा है महिला सशक्तिकरण का बड़ा संदेश?

सिर्फ एक राखी ही नहीं, इस समारोह ने महिला कल्याण और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सम्मान (Raksha Bandhan Anganwadi Gifts) को भी नया स्वरूप दिया। समारोह में 1.21 लाख आंगनबाड़ी बहनों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जोड़ा गया। इनमें से 1300 बहनें जयपुर में मौजूद थीं, जिन्हें 501 रुपये, मिठाई और एक छाता उपहार स्वरूप दिया गया। इससे यह संदेश गया कि सरकार अब महिलाओं को केवल वादों से नहीं, सम्मान से जोड़ रही है।

क्या राजस्थान सरकार महिला कल्याण को बना रही असली प्राथमिकता? 

महिला एवं बाल विकास मंत्री मंजू बाघमार, ICDS निदेशक वासुदेव मालावत, और शासन सचिव महेंद्र सोनी की उपस्थिति ने यह स्पष्ट कर दिया कि यह कोई साधारण कार्यक्रम नहीं था। यह था एक संकेत, एक बदलाव-जहां महिला सशक्तिकरण को नीतियों का हिस्सा बनाया जा रहा है। दिया कुमारी ने जानकारी दी कि सरकार अब तक 9 बड़े महिला-केंद्रित अभियान चला चुकी है, और मानदेय में भी वृद्धि की गई है। इस रक्षाबंधन पर तोहफे से अधिक, उन्हें मिला है एक सम्मान और पहचान।

CM और Deputy CM की यह बॉन्डिंग का क्या है मतलब?

इस सवाल का जवाब आने वाले समय में मिलेगा, लेकिन इतना तय है कि रक्षाबंधन 2025 ने राजस्थान में एक नई राजनीतिक भावना की शुरुआत की है—जहां रिश्तों में अपनापन है और नीतियों में संवेदनशीलता।

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