
राजस्थान में मंत्रालयिक संवर्क के राज्य कर्मचारियों की बरसों पुरानी मांग अब पूरी होने की दिशा में आगे बढ़ती नजर आ रही है।
राजस्थान में मंत्रालयिक कर्मचारियों की अलग निदेशालय गठित करने की बरसों पुरानी मांग जल्द पूरी हो सकत है। मुख्य सचिव सुधांश पंत ने इस मामले में सचिवों से प्राप्त सुझावों का विश्लेषण कर शीघ्र कार्रवाई करने को कहा है। गौरतलब है कि राजस्थान में मंत्रालयिक संवर्ग के लिए अलग निदेशालय गठन को लेकर मौजूदा भजनलाल सरकार में बजट घोषणा की गई थी। इसके लिए मंत्रालयिक कर्मचारियों के निदेशालय गठन का मंत्रीमंडल से अनुमोदन दिनांक 31 जुलाई 2025 तक किए जाने की बात कही गई थी। हाल में मंत्रालयिक कर्मचारियों ने सरकार को ज्ञापन देकर इस बात पर नाराजगी जताई थी कि बजट घोषणा के बावजूद इस मुद्दे पर सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई।
मंत्रालयिक कर्मचारी, पटवारी, स्कूली व्याख्याता तथा जेल प्रहरियों का कैडर रिव्यू दिनांक 15.06.2025 तक तथा कार्मिकों को संविदा पर नियमित करने के लिए कार्मिक विभाग के अधीन एक संस्था के गठन का मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदन दिनांक 30.06.2025 तक करना था। इन निर्देशों की पालना कार्मिक विभाग को करनी थी। लेकिन इसकी समय सीमा भी निकल चुकी है और अब तक कुछ भी काम आगे नहीं बढ़ा है।
अलग निदेशालय की मांग कितनी पुरानी
राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष मनोज सक्सेना बताते हैं कि मंत्रालयिक संवर्ग के लिए अलग निदेशालय की मांग 2013 से की जा रही है। राजस्थान में सभी विभागों के निदेशायल बने हैं लेकिन सिर्फ मंत्रालयिक कर्मचारियों के लिए ही अलग से निदेशालय नहीं बना हुआ है। इसके चलते हमें हर मांग के लिए वित्त विभाग या डीओपी में जाना पड़ता है। जबकि हमारा अलग निदेशालय होगा तो उसी के स्तर पर हमारी कैडर से जुड़ी सभी समस्याओं का समााधान मिल जाएगा। अभी मंत्रालयिक, सहायक कर्मचारी, निजी सहायक और ड्रायवर इन चार कैडरों का मिलाकर संयुक्त कैडर बनाने की कार्रवाई की जा हरी है। निदेशालय बन जाएगा तो मंत्रालयिक कर्मचारियों की भर्तियां भी इसी के स्तर पर हो जाएगी।