
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को उदयपुर दौरे के दौरान कन्हैयालाल हत्याकांड और मौजूदा भाजपा सरकार पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि इस जघन्य वारदात को तीन साल से अधिक हो चुके हैं, लेकिन अब तक न्याय नहीं मिल पाया है। गहलोत ने सीधे तौर पर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि केस की सुनवाई में गंभीर लापरवाही हुई है।
NIA की देरी पर उठाए सवाल
गहलोत ने कहा कि कन्हैयालाल केस शुरू से NIA के पास है, चालान पेश हो चुका है, लेकिन 166 गवाहों में से अब तक केवल 15 की गवाही हो पाई है। उन्होंने कहा कि इतनी लापरवाही मैंने आज तक नहीं देखी। अगर केस हमारे पास होता तो छह महीने से एक साल में फैसला आ जाता और दोषियों को उम्रकैद या फांसी की सजा मिल चुकी होती।
बीजेपी पर सीधा आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि हत्या करने वाले दोनों आरोपी बीजेपी के कार्यकर्ता थे। इस मुद्दे को उन्होंने कई बार उठाया, लेकिन कभी भी भाजपा की ओर से इसका खंडन नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह हाल ही में राजस्थान आए थे, मगर इस गंभीर विषय पर उन्होंने चुप्पी साध ली। गहलोत के मुताबिक, चुनाव के दौरान भाजपा ने इस केस को खूब उछाला ताकि कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया जा सके।
सीएम भजनलाल शर्मा को घेरा
गहलोत ने मौजूदा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि सीएम समस्याओं पर केवल पत्र लिखते हैं, लेकिन जनता को कोई जवाब नहीं मिलता। पहले लोग कहते थे राज देख रहा है, लेकिन आज लगता है राज देख नहीं रहा, घूम रहा है। गहलोत ने धौलपुर दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को बाढ़ प्रभावित इलाकों में जाना चाहिए था, लेकिन उन्होंने हेलिपैड पर ही लोगों को बुला लिया। उन्होंने तंज कसा कि समझ नहीं आता, उन्हें सलाह कौन देता है।
केंद्र सरकार और एजेंसियों पर हमला
गहलोत ने केंद्र सरकार की कार्यशैली और केंद्रीय एजेंसियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आज ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स और चुनाव आयोग विपक्ष को निशाना बनाने में लगे हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से सिर्फ सवाल पूछा था, लेकिन जवाब देने की बजाय आयोग ने एफिडेविट मांग लिया। गहलोत ने कहा कि एजेंसियों को दबाव में काम करने के बजाय स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से जांच करनी चाहिए।