ऑपरेशन सिंदूर पर कांग्रेस नेता देवेंद्र यादव बोले, ‘सेना ने पराक्रम दिखाया, वह अभूतपूर्व है, लेकिन…’

दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने जो साहस और पराक्रम दिखाया, वह अभूतपूर्व है. लेकिन पीएम मोदी ने युद्धविराम की घोषणा क्यों की? कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई में ऑपरेशन सिंदूर में सेना ने अपनी कुशलता और पराक्रम का परिचय देते हुए पाकिस्तान को चारों-खाने चित कर दिया. सेना की इस जीत पर आज हर देशवासी गर्व महसूस कर रहा है, जिंसमें तमाम विपक्षी दल भी सेना की इस जीत की सराहना करने के साथ उनके सम्मान में नतमस्तक नजर आ रहे हैं.

इसी कड़ी में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने जवाहर भवन में ‘जय हिंद सभा’ का आयोजन कर भारतीय सेना की वीरता, पराक्रम, बलिदान और शौर्य को सलाम किया. यह आयोजन हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले और उसके जवाब में शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पृष्ठभूमि में रखा गया, जहां कांग्रेस ने सेना के साहस का सम्मान करते हुए केंद्र सरकार से तीखे सवाल भी उठाये.

इसमें 1962, 1965, 1971, कारगिल युद्ध, भारतीय शांति सेना और संयुक्त राष्ट्र मिशन में भाग लेने वाले पूर्व सैनिक, वीरता पुरस्कार विजेता और वीर शहीदों की पत्नियां सैकड़ों की संख्या में शामिल रहीं.  जिनका विशेष सम्मान कर कांग्रेस ने ने देश के रक्षकों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया.

नरेंद्र मोदी ने युद्धविराम की घोषणा क्यों की? – देवेंद्र यादव

इस मौके पर दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव की अध्यक्षता में सभा का संचालन हुआ, जिसमें कांग्रेस कोषाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद अजय माकन, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, महिला कांग्रेस अध्यक्ष अल्का लांबा, सैनिक प्रकोष्ठ के चेयरमैन कर्नल रोहित चौधरी सहित कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे.

इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए देवेंद्र यादव ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, “ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने जो साहस और पराक्रम दिखाया, वह अभूतपूर्व है. लेकिन जब सेना निर्णायक स्थिति में थी, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के दबाव में आकर युद्धविराम की घोषणा क्यों की?

देवेंद्र यादव ने केंद्र सरकार पर सीधा सवाल उठाते हुए कहा कि यदि सेना PoK तक पहुंचने और 1971 की तरह पाकिस्तान को दो हिस्सों में बांटने की स्थिति में थी, तो प्रधानमंत्री ने यह निर्णय किन शर्तों पर लिया? उन्होंने विदेश मंत्री के उस बयान पर भी सवाल उठाया, जिसमें कहा गया था कि ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी पहले ही पाकिस्तान को दी गई थी. उन्होंने पूछा कि, “क्या यह देशद्रोह नहीं है?” 

अजय माकन ने क्या कहा?

वहीं, राज्यसभा सांसद अजय माकन ने केंद्र सरकार की नीति पर कटाक्ष करते हुए कहा, पहले पाकिस्तान, फिर अमेरिका और अंत में भारत के प्रधानमंत्री की ओर से सीज़फायर की घोषणा. जिसे उन्होंने देश के 75 सालों के इतिहास में सबसे शर्मनाक स्थिति बताई. माकन ने यह भी बताया कि कांग्रेस कार्यसमिति ने 3 प्रस्ताव पारित कर सरकार को सेना के समर्थन की बात कही, लेकिन प्रधानमंत्री सर्वदलीय बैठक में नहीं आए.

अशोक गहलोत ने क्या कहा?

इस मौके पर कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा कि जय हिंद सभा सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि देश को संदेश है कि भारतीय सेना का अपमान किसी कीमत पर स्वीकार नहीं होगा. उन्होंने 1971 की जीत का उल्लेख करते हुए कहा कि, तात्कालिक इंदिरा गांधी की सरकार ने पाकिस्तान के दो टुकड़े किए थे, उस समय उन्होंने किसी विदेशी ताकत को हस्तक्षेप का मौका नहीं दिया. 

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