ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत को मिला इस मुस्लिम देश का साथ! जानकर बौखला जाएगा पाकिस्तान

विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के बीच पहली सार्वजनिक बातचीत हुई. भारत ने फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन की अफवाहों को खारिज किया और समावेशी सरकार की वकालत दोहराई.
 विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार (15 मई) को अफगानिस्तान के अपने समकक्ष विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी से बात की. इस दौरान भारत ने अफगानिस्तान की तरफ से दोनों देशों के बीच अविश्वास पैदा करने के प्रयासों को दृढ़ता से खारिज किए जाने का स्वागत किया. यह बातचीत फोन पर हुई. सार्वजनिक रूप से स्वीकार की गई. इस पहली फोन बातचीत में जयशंकर ने पहलगाम आतंकी हमले की मुत्तकी की ओर से की गई निंदा की भरपूर सराहना की.

जयशंकर ने कहा, ‘‘झूठी और निराधार रिपोर्ट के माध्यम से भारत और अफगानिस्तान के बीच अविश्वास पैदा करने के हाल के प्रयासों को उनके तरफ से दृढ़ता से खारिज किए जाने का स्वागत करता हूं.’’ उनका इशारा पाकिस्तानी मीडिया के एक वर्ग की उन खबरों की ओर था, जिसमें दावा किया गया था कि भारत ने पहलगाम में फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए तालिबान को ‘भाड़े पर रखा था. फॉल्‍स फ्लैग ऑपरेशन उसे कहा जाता है, जहां किसी भी अभियान को अंजाम देने वाले की पहचान को पूरी तरह से छिपाया जाता है.

समावेशी सरकार के गठन की वकालत
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, ‘‘अफगान लोगों के साथ हमारी पारंपरिक मित्रता और उनकी विकास आवश्यकताओं के लिए निरंतर समर्थन को रेखांकित किया गया. सहयोग को आगे बढ़ाने के तरीकों और उपायों पर चर्चा की.’’ विदेश मंत्री ने इस बातचीत को ‘‘सार्थक’’ बताया. भारत ने अब तक तालिबान तंत्र को मान्यता नहीं दी है और काबुल में एक समावेशी सरकार के गठन की वकालत कर रहा है.

आतंकवादी गतिविधियों के लिए न हो अफगानिस्तान का इस्तेमाल
भारत इस बात पर भी जोर दे रहा है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं किया जाना चाहिए. जयशंकर-मुत्तकी बातचीत के बारे में अफगानिस्तान की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों के साथ्र ही व्यापार और राजनयिक भागीदारी को आगे बढ़ाने पर विचारों का आदान-प्रदान किया.

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