
मध्य प्रदेश सरकार ने 8 साल बाद सरकारी कर्मचारियों को पदोन्नति दी है. कांग्रेस ने इसके लिए सरकार आलोचना की है. जीतू पटवारी का कहना है कि यह लंबे समय से चल रही उपेक्षा का परिणाम है. मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए 8 साल बाद पदोन्नति का तोहफा दिया है. वहीं, कांग्रेस का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपनी उपलब्धि बताकर वाहवाही लूटने की कोशिश में जुटी है, लेकिन यह न तो कोई उपलब्धि है और न ही सरकार की संवेदनशीलता का परिचायक. यह उसकी कर्मचारी विरोधी नीतियों और लंबे समय तक चली आ रही उपेक्षा का नतीजा है.
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बीजेपी सरकार पर करारा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि यह सरकार कर्मचारियों के हक को कुचलने की दोषी है और अब सस्ती लोकप्रियता के लिए नाटक कर रही है.
‘कांग्रेस की पहल को कुचलने की साजिश’
पटवारी ने आगे कहा, “2018 में जब कांग्रेस की सरकार बनी, तो तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कर्मचारियों की इस पीड़ा को समझा और पदोन्नति के लिए तुरंत कदम उठाया. उन्होंने इस मुद्दे को प्राथमिकता दी और तीन मंत्रियों-डॉ. गोविंद सिंह, पी.सी. शर्मा और बाला बच्चन की एक कमेटी बनाई, ताकि कर्मचारियों को उनका हक जल्द से जल्द मिल सके. यह एक उम्मीद की किरण थी, जो कर्मचारियों के जीवन में बदलाव लाने वाली थी. लेकिन बीजेपी ने अपनी सत्ता की भूख में इस उम्मीद को कुचल दिया. विधायकों की खरीद-फरोख्त कर कांग्रेस की जनता द्वारा चुनी गई सरकार को गिरा दिया गया. इसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने चोरी की सरकार बनाई और पदोन्नति के मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया. यह न सिर्फ कर्मचारियों के साथ विश्वासघात था, बल्कि लोकतंत्र का भी गला घोंटने वाला कृत्य था.”