
मध्य प्रदेश सरकार ने मंत्रियों के जिला प्रभार में बदलाव करते हुए इंदर सिंह परमार को दमोह की जिम्मेदारी सौंपी है. अन्य मंत्रियों को भी अतिरिक्त जिले देकर प्रशासनिक पुनर्गठन किया गया है. मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार में मंत्रियों के जिला प्रभार में व्यापक फेरबदल किया गया है. कई मंत्रियों को नए जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि कुछ के प्रभार में बदलाव कर उन्हें नए कार्यक्षेत्र दिए गए हैं. यह प्रशासनिक निर्णय ऐसे समय में लिया गया है, जब राज्य की राजनीति में मंत्री विजय शाह के विवादित बयान को लेकर घमासान मचा हुआ है.
राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार (Inder Singh Parmar) के प्रभार में बड़ा बदलाव हुआ है. अब तक उनके पास पन्ना और बड़वानी जिलों की जिम्मेदारी थी, लेकिन नए आदेश में उन्हें बड़वानी जिले से मुक्त कर दिया गया है और दमोह जिले का नया प्रभार सौंपा गया है. अब वे पन्ना और दमोह दोनों जिलों के प्रभारी मंत्री होंगे.वहीं, कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल को मंडला जिले का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. जायसवाल पहले से ही सीधी जिले की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. यह नई जिम्मेदारी उनके प्रशासनिक कार्यक्षेत्र को और व्यापक बनाएगी. इसके साथ ही, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के मंत्री गौतम टेंटवाल को भी अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. उन्हें अब बड़वानी जिले का प्रभार दिया गया है, जबकि उज्जैन पहले से ही उनके कार्यक्षेत्र में शामिल है.बता दें कि इन दिनों विजय शाह के एक बयान को लेकर विवाद गहराया हुआ है. जबलपुर हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए हैं, जिसके बाद विपक्ष खासकर कांग्रेस सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस नेताओं ने विजय शाह को बर्खास्त करने की मांग उठाई है.
मोहन यादव ने कार्रवाई करने के निर्देश दिए
वहीं मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी इस बात पर प्रतिक्रिया दी है. एमपी सरकार की ओर से ‘X’ पर पोस्ट कर ये जानकारी दी गई कि ‘मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए मुख्यमंत्री ने कैबिनेट मंत्री विजय शाह के बयान के संदर्भ में कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.’