
एक माह में केदारनाथ में होटल कारोबार से 100 करोड़, हेली सेवा से 35 करोड़, घोड़ा खच्चर संचालन से 40.50 करोड़ की आमदनी हुई।
केदारनाथ धाम की यात्रा तीर्थयात्रियों की संख्या के साथ ही कारोबार में भी रिकॉर्ड बना रही है। एक माह की यात्रा में करीब 200 करोड़ का कारोबार हुआ है। होटल कारोबार से 100 करोड़, हेली सेवा से 35 करोड़, घोड़ा खच्चर संचालन से 40.50 करोड़ की आमदनी हुई है।दो मई को बाबा केदार के कपाट खुले। अब तक केदारनाथ धाम में सात लाख से अधिक तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। इससे स्थानीय लोगों के रोजगार में बढ़ोतरी हो रही है। केदारनाथ धाम यात्रा देश की सबसे कठिन धार्मिक यात्राओं में से एक है। करीब 20 किलोमीटर का कठिन पैदल मार्ग पार करने के बाद हिमालय पर्वत की गोद में बसे 11 वें ज्योतिलिंग के दर्शन हो पाते हैं।
इस कठिन पैदल धार्मिक यात्रा में घोड़ा -खच्चरों का बेहद अहम योगदान होता है। असमर्थ एवं बुजुर्ग भक्त अक्सर इन्हीं के माध्यम से यात्रा करते हैं। वहीं खाद्य पदार्थ से लेकर अन्य जरूरी सामग्री इन्हीं घोड़े खच्चरों से यात्रा मार्ग व केदारपुरी में पहुंचाई जाती है।
31 मई तक 1,39,444 तीर्थयात्री घोड़े खच्चरों के माध्यम से केदारनाथ पहुंचे। जिसके माध्यम से 40 करोड़ 50 लाख से अधिक की आय प्राप्त हुई है। होटल कारोबार से 100 करोड़ और जीएमवीएन को विश्राम गृह व ध्यान गुफा की बुकिंग से 3.80 करोड़ से अधिक राजस्व मिला है।
हेली सेवा संचालन से कमाए 35 करोड़
केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए हेली सेवा की काफी मांग रहती है। 31 मई तक लगभग 33000 श्रद्धालु हेली सेवाओं के माध्यम से बाबा केदारनाथ धाम पहुंचे हैं। जिससे करीब 35 करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई है।
डंडी-कंडी से एक करोड़ से अधिक की आय
केदारनाथ धाम पैदल यात्रा मार्ग पर जितने घोड़े-खच्चरों का संचालन महत्वपूर्ण है। उतना ही डंडी-कंडी संचालन भी। इस वर्ष की यात्रा के लिए 7000 से अधिक डंडी-कंडी संचालक पंजीकृत हैं। 31 मई तक 29275 श्रद्धालु डंडी-कंडी के माध्यम से यात्रा कर चुके हैं, जिससे एक करोड़ 16 लाख, 89 हजार 100 रुपये की आय प्राप्त हुई है। वहीं गंदगी फैलने एवं अन्य नियमों के उल्लंघन पर विभिन्न प्रतिष्ठानों का 2,26,000 रुपये का चालन कर अर्थदंड भी वसूला गया है।
टैक्सी संचालन से सात करोड़ कारोबार
केदारनाथ धाम यात्रा में शटल सेवा के लिए 225 टैक्सी पंजीकृत हैं। इन्हीं गाड़ियों में श्रद्धालु सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक पहुंचते हैं। अब तक सात लाख से अधिक श्रद्धालु श्री केदारनाथ धाम पहुंच चुके हैं। हर यात्री को 50 रुपये जाने एवं 50 रुपये वापस सोनप्रयाग आने के चुकाने पड़ते हैं। 01 जून तक 7 लाख श्रद्धालु धाम में पहुंच चुके हैं यानी अब तक टैक्सी संचालक करीब 7 करोड़ रुपये शटल सेवा के माध्यम से अर्जित कर चुकी है।
केदारनाथ धाम यात्रा आस्था और संस्कृति की धुरी बन चुकी है। सरकार का लक्ष्य केवल तीर्थयात्रियों को सुविधाएं देना नहीं, बल्कि स्थानीय युवाओं, महिलाओं एवं व्यापारियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना भी है। यात्रा सुरक्षित, सुगम और समृद्ध बनाने की दिशा में हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। -पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री
William Upton who got it in South Africa from a Boer prisoner. Students missing this deadline will be required to reapply for graduation for the term in which they expect to graduate. Extracorporeal shock wave lithotripsy SWL is a relatively Several studies have reported various factors to predict stone-free rate SFR after. The language spoken in Sicily under Arab rule was Siculo-Arabic and Arabic influence is still present in some Sicilian words today.