
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयानों को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वे इन दिनों अपने आलाकमान से ही परेशान हैं, प्रदेश में पायलट का बढ़ता कद उनके राजनीतिक प्रभाव को कम कर रहा है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर बड़ा राजनीतिक हमला बोलते हुए कांग्रेस में गहराते आंतरिक मतभेदों को उजागर किया है। अमर उजाला के साथ विशेष बातचीत में मदन राठौड़ ने कहा कि अशोक गहलोत इन दिनों अपने ही आलाकमान से खासे परेशान हैं, क्योंकि आलाकमान अब गहलोत के विरोधी माने जाने वाले सचिन पायलट को तरजीह दे रहा है। यह बदलाव गहलोत के राजनीतिक प्रभाव को कमजोर कर रहा है।
राठौड़ ने कहा- अशोक गहलोत को अब यह डर सता रहा है कि यदि पार्टी आलाकमान ने सचिन पायलट को ही राजस्थान का भविष्य मान लिया तो उनकी राजनीति लगभग खत्म मानी जाएगी। इसी भय के चलते वे किसी भी हद तक जाकर बयानबाजी कर रहे हैं, ताकि आलाकमान की नजरों में खुद को जिंदा रख सकें। भाजपा नेता ने चुटकी लेते हुए कहा कि गहलोत को दूसरों के घर में झांकने से पहले अपना घर देखना चाहिए। अगर वे अपने संगठन और पार्टी के भीतर झांकेंगे तो उन्हें खुद समझ में आ जाएगा कि असली हालात क्या हैं।
मदन राठौड़ ने केवल अशोक गहलोत ही नहीं, बल्कि पूरी कांग्रेस पार्टी पर तीखा वार करते हुए कहा- कांग्रेस के संस्कार ही ऐसे हैं कि वे अपने ही उपमुख्यमंत्री को निकम्मा और नकारा कह देते हैं। ऐसे शब्द भाजपा की कार्य संस्कृति में नहीं हैं। हमारी पार्टी में परस्पर सम्मान और अनुशासन है। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार पूरी तरह से व्यवस्थित और विकासोन्मुखी है। हमारे मुख्यमंत्री दिन-रात प्रदेश के विकास में जुटे हैं। गहलोत जैसे वरिष्ठ और गंभीर नेता को ऐसी हल्की टिप्पणियां करने से बचना चाहिए।
मदन राठौड़ के इस बयान से साफ है कि कांग्रेस के अंदरूनी संघर्ष को लेकर भाजपा पूरी तरह सतर्क है और वह इस मौके को राजनीतिक लाभ में बदलने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती। सचिन पायलट को लेकर आलाकमान के बदले रुख और गहलोत की प्रतिक्रियाओं को भाजपा अब अपने नैरेटिव का हिस्सा बना रही है।