
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि यह आयोजन श्रीराम मंदिर निर्माण के इतिहास में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ने जा रहा है.रामनगरी अयोध्या एक बार फिर ऐतिहासिक पल की साक्षी बनने जा रही है. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के पहले तल पर बने श्रीराम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन 3 जून से 5 जून तक होगा. इस पावन अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी 5 जून को श्रीराम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होंगे. इस कार्यक्रम को लेकर अयोध्या में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. मंदिर परिसर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है और हर गतिविधि पर सीसीटीवी से नजर रखी जा रही है.
जिलाधिकारी निखिल टी. फुंडे ने बताया कि 3 से 5 जून तक चलने वाले इस महायज्ञ में श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने कहा कि रामनगरी में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई है. सभी श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और शांति बनाए रखें.आज से प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की शुरुआत हो गई है. सरयू तट से कलश यात्रा निकाली जाएगी. इसमें 400 महिलाएं शामिल होंगी, जो कलश में सरयू जल लेकर मंदिर परिसर में पहुंचेंगी. इस दौरान रामलला के दर्शन तो पहले की तरह नियमित रहेंगे, लेकिन प्रथम तल पर आम श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि यह आयोजन श्रीराम मंदिर निर्माण के इतिहास में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ने जा रहा है.
5 जून को अभिजीत मुहूर्त में श्रीराम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. यह वही अभिजीत मुहूर्त है जिसमें 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलला के गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा की थी. अब प्रथम तल पर बने श्रीराम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा इस मुहूर्त में होगी. कार्यक्रम के दौरान भव्य धार्मिक अनुष्ठान और विशेष पूजा का आयोजन किया जाएगा.
नागर शैली में बन रहा है भव्य मंदिर
राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है. यह भव्य मंदिर नागर शैली में बन रहा है. मंदिर की लंबाई 380 फीट और चौड़ाई 250 फीट होगी. इसकी ऊंचाई करीब 161 फीट होगी. तीन तल होंगे और हर तल पर 106 पिलर बनाए जा रहे हैं. 5 मंडपों वाला यह मंदिर देश की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का प्रतीक बनेगा.
हर दिन लाखों श्रद्धालु रामलला के दर्शन करने आ रहे हैं
रामलला विराजमान की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से हर दिन लाखों श्रद्धालु रामलला के दर्शन करने आ रहे हैं. अब प्रथम तल पर श्रीराम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा से श्रद्धालुओं की आस्था को और अधिक बल मिलेगा. अयोध्या के व्यापारी, साधु-संत और स्थानीय लोग इस आयोजन को लेकर बेहद उत्साहित हैं. यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि अयोध्या की समृद्ध सांस्कृतिक पहचान को और भी मजबूत करेगा.