
अयोध्या में 3 जून से राम मंदिर का दूसरा प्राण-प्रतिष्ठा समारोह शुरू हो जाएगा। मंदिर के पहले तल पर राम दरबार लगाया जाएगा। जयपुर के मूर्तिकारों ने इसे तैयार किया है। इसमें गणेशजी, सप्तऋषि और शबरी की प्रतिमाएं भी शामिल हैं।
राजधानी जयपुर के मूर्तिकार परिवार की ओर से तैयार राम दरबार अध्योध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित किया जाएगा। 3 जून से अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का दूसरा चरण शुरू होगा। इसमें राम दरबार सहित परकोटे के छह मंदिर शिवलिंग व 8 मंदिरों में देव विग्रहों की प्रतिष्ठा होगी। प्रथम तल पर राम दरबार सजाया जाएगा।
करीब 100 साल पुराने सफेद संगमरमर के पत्थर से जयपुर के मूर्तिकार पांडे परिवार ने इस राम दरबार को तैयार किया है। इसमें भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण जी, भरतजी, शत्रुघ्न जी और हनुमान जी की मूर्ति बनाई गई है। ये सभी मूर्तियां राम दरबार के साथ प्रतिष्ठित की जाएंगी।
करीब 4 पीढ़ियों से मूर्ति बनाने का काम कर रहे पांडे परिवार के राम दरबार बनाने की कहानी भी बड़ी रोचक है। परिवार के संस्थापक रामेश्वरलाल पांडे को स्वप्न में भगवान राम ने दर्शन दिए थे। तब से राम दरबार बनाने की परंपरा इनके यहां शुरू हुई। पांडे परिवार के प्रशांत और सत्यनारायण ने कुल 19 मूर्तियों को अध्योध्या के लिए तैयार किया है। इन मूर्तियों में प्रवेश द्वार के लिए हाथी-शेर, गणेशजी, सप्तऋषि, शबरी, निषादराज और अहिल्या की प्रतिमाएं शामिल हैं।
प्रशांत ने बताया कि राम दरबार के लिए प्रतिमाएं मकराना के सफेद संगमरमर से तैयार की गई हैं। मुख्य राम मंदिर में रामलला के बाल रूप के लिए भी देश भर से तीन प्रतिमाओं को चयन किया गया था, उनमें से एक जयपुर के पांडे परिवार ने ही तैयार की थी। उन्होंने बताया कि गंगा दशहरा के दिन जयपुर से ले जाई गई राम दरबार की मूर्तियों की अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। जयपुर में बनी ये प्रतिमाएं 21 मई को सुरक्षा के बीच अयोध्या रवाना की गई थीं। अब 3 से 5 जून तक वैदिक मंत्रोच्चार के बीच इन प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।