अयोध्या: ध्वजारोहण समारोह के लिए खुफिया एजेंसियां अलर्ट पर

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दुर्गापूजा, दीपोत्सव, अक्षय नवमी, परिक्रमा आदि आयोजन निपटाने के बाद पुलिस थोड़ी चिंतामुक्त हुई है। अब 25 नवंबर को होने वाले ध्वजारोहण कार्यक्रम को सकुशल निपटाना चुनौतीपूर्ण है, जिसका रिहर्सल शुरू हो गया है।

उत्सवों की नगरी अयोध्या में यूं तो पुलिस-प्रशासन के सामने हर दिन एक नई चुनौती रहती है, लेकिन पिछले करीब एक माह से चुनौतियां काफी बढ़ी हैं। विभिन्न आयोजनों पर लगभग 60 लाख श्रद्धालुओं को सुख-चैन से दर्शन कराने, गिनीज बुक में एक और रिकॉर्ड दर्ज कराने के बाद पुलिस ने राहत जरूर महसूस की है, लेकिन अभी उसकी परीक्षा निरंतर जारी है।

अब सबसे बड़ी परीक्षा ध्वजारोहण कार्यक्रम की होगी, जिसमें प्रधानमंत्री का दौरा होगा। महज 22 दिन शेष इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था के लिए खुफिया एजेंसियों ने डेरा डालना शुरू किया है। पूर्व में हुए प्रधानमंत्री के दौरों से जुड़ीं फाइलें पलटने की कवायद शुरू हुई है। राम मंदिर समेत समूची अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था फुलप्रूफ करने के लिए विशेषज्ञों की टीम जुट गई है।

यहां पहले से सेवाएं दे चुके अनुभवी अधिकारियों का सहयोग भी लिया जाएगा। वहीं, पिछले कई रिकॉर्ड बनाने से उत्सुक अधिकारी मन में रामकाज का भाव लिए इस आयोजन को सफलतम बनाने की तैयारी में जुट गए हैं। हालांकि, अब तक पीएम के दौरे का अधिकृत कार्यक्रम तो नहीं जारी हुआ है, पीएमओ की घोषणा के बाद से ही देश की बड़ी सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।

बनाया जा रहा है खाका
अभी तक सभी धार्मिक आयोजन सकुशल संपन्न हुए हैं। ध्वजारोहण कार्यक्रम को लेकर पुलिस अलर्ट है। सुरक्षा का मजबूत खाका तैयार किया जा रहा है। अयोध्या आने वाले हर व्यक्ति को एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण वातावरण की अनुभूति हो, ऐसा प्रयास है।

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